शहर के आराध्य गोविंददेवजी मंदिर व राधा दामोदरजी मंदिर में आज आंवला पूजन करने के लिए महिलाओं की भीड़ उमड़ी। आंवला नवमी के उपलक्ष्य में महिलाओं ने आंवले के पेड़ के नीचे श्री हरि विष्णु के दामोदर स्वरूप की पूजा—अर्चना की। जहां पर आंवले का पेड़ नहीं मिला, वहां मंदिरों में गमले में लगे आंवले के पौधे का पूजन किया और 108 परिक्रमा लगाई। ठाकुरजी को 108 आंवले भी अर्पित किए। आज कुछ महिलाएं भोजन भी आंवले के पेड़ के नीचे कर रही है।
मंदिरों में सुबह से भीड़
उधर, कार्तिक स्नान करने वाली महिलाएं गोविंददेवजी मंदिर में आंवला पूजन करती नजर आई, यहां सुबह से ही भक्तों की भीड़ देखने को मिली। वहीं चौड़ा रास्ता स्थित मंदिरश्री राधादामोदरजी में भी सुबह से ही महिलाओं की भीड़ नजर आई। महिलाओं ने ठाकुरजी को आंवले अर्पित किए, यहां आंवले के पौधे की परिक्रमा लगाने के लिए भी महिलाओं में होड सी देखने को मिली। इस दौरान ठाकुरजी के विशेष झांकी के दर्शन हुए।
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मां लक्ष्मी ने भी की थी पूजा
ज्योतिषाचार्य डॉ. रवि शर्मा ने बताया कि आंवला नवमी के दिन भगवान विष्णु का वास आंवले में होता है। वहीं मां लक्ष्मी ने पृथ्वी लोक में भगवान विष्णु एवं शिव जी की पूजा आंवले के रूप में की थी और इसी पेड़ के नीचे बैठकर भोजन किया था।