छात्रसंघ चुनाव में NSUI की करारी हार को लेकर क्या बोले सचिन पायलट?
राहुल ने धैर्य रखने के लिए सचिन से सीख लेने की बात कही थी। लगा ही नहीं कि ये वही सचिन है जिन्होंने दो साल पहले बगावती तेवर दिखाए थे। एकदम अनुशासित, पार्टी लाइन पर चलने वाला पक्का कांग्रेसी। मौका लगते ही… वे मीडिया कर्मियों से मुखातिब हुए। कुछ खास खबर निकालने की फिराक में बैठे संवाददाताओं ने उनसे कई सवाल पूछे, लेकिन वे इधर-उधर नहीं हुए। बिल्कुल वहीं बात कही जो पार्टी और सरकार के अनुकूल हो। बढ़ती महंगाई और अपराधों पर रटाए से जवाब। मुख्यमंत्री के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के सवाल पर उन्होंने यह जरूर कहा… ‘राजनीति में जो होता है वह दिखता नहीं, और जो दिखता है वह होता नहीं। मैं खुद या राजस्थान का कोई भी नेता हो, हमें पार्टी से जो भी निर्देश मिले उनको हमने पहले भी माना है और आगे भी मानेंगे.।’ लगा जैसे गहलोत को नसीहत दे रहे हों, कि आलाकमान का निर्णय मानने में ही सबकी भलाई है।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर बोले पायलटः ‘राजनीति में जो होता है वो दिखता नहीं, जो दिखता है वो होता नहीं’
नौजवानों की उम्मीदों पर ध्यान देना चाहिए
छात्रसंघ चुनावों में एनएसयूआइ की जो किरकिरी हुई, उस पर जरूर सचिन थोड़े तैश में दिखे। बोले….’ऐसा बहुत सालों में पहली बार हुआ है। एनएसयूआइ सभी यूनिवर्सिटी में चुनाव हार जाए। इसे लेकर हम लोगों को चिंता करनी चाहिए कि कमी कहां रह गई, क्या कैंडिडेट सलेक्शन गलत हुआ, प्रचार में कमी रह गई या फिर सरकार की कामयाबी और सरकार के चार साल के कार्यकाल को हम जनता के सामने लेकर नहीं गए। नौजवान प्रदेश का सबसे बड़ा हिस्सा है, नौजवानों की भावना, सोच और जो उम्मीदें हैं उनको कैसे पूरी करनी है? उस पर ध्यान देना चाहिए।’