तब ही मिल सकता है रकम का कुछ हिस्सा एसओजी के सूत्रों का कहना है कि सोसायटी के सभी निवेशक एकजुट होकर कोर्ट में याचिका लगाएं और गुहार करें कि सोसायटी के निस्तारण पर सबसे पहले पीडि़त लोगों का निवेश की गई रकम दिलवाई जाए। कोर्ट उनका पक्ष में निर्णय देता है, तब निवेशकों को उनकी मूल रकम का कुछ प्रतिशत वापस मिल सकता है। एसओजी की पूछताछ में सोसायटी के संचालकों ने बताया कि आयकर विभाग ने उनकी सारी सम्पत्ति जब्त कर रखी है। कोर्ट में याचिका लगाई, तब परिवार के खर्च के लिए प्रति माह एक लाख रुपए उन्हें मिलते हैं।
भविष्य के लिए किया
बुढ़ापे के लिए निवेश &उम्रभर की जोड़ी हुई छोटी-छोटी बचत कर ढाई लाख रुपए सोसायटी में निवेश कर दिया। यह राशि बुढ़ापे के सहारे के लिए जोड़ी थी। न्यायालय, राज्य सरकार और एसओजी से गुहार लगाऊंगी कि गरीब और छोटी-छोटी बचत कर सोसायटी में रुपया लगाने वालों को उनकी रकम दिलाने में मदद करें।
जेडीए पहुंची टीम लोगों ने जेडीए से शिकायत की, रसूख के आगे सुनवाई नहीं सोसायटी के बहुमंजिला फ्लैटों को लेकर जेडीए ने मंगलवार को पुरानी शिकायतों को खंगाला। एक टीम जेडीए कार्यालय भी पहुंची और वहां पर जमीन से जुड़े कागजातों को देखा। जेडीए के जोन चार, पांच, आठ और 12 में भी पुरानी शिकायतों को तलाशने का दौर चलता रहा। जब इन इलाकों में मोदी ब्रदर्स की आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी ने बहुमंजिला इमारतों का निर्माण शुरू कराया तो आस-पास के लोगों ने सरकारी जमीन हड़पने तक की शिकायत जेडीए में की, लेकिन ऊंचे रसूख के चलतेअधिकारियों ने कोई कार्रवाही नहीं की।