एसीबी के परिवादी ने आरपीएससी के चेयरमैन सहित अन्य महिला सदस्य तक पर आरोप लगाए हैं। उधर एसीबी के कार्यवाहक डीजी ने आरोपी केसावत की शनिवार को गिरफ्तारी के 18 घंटे बाद मौखिक जांच कर मंजू शर्मा सहित सभी आरपीएससी सदस्य, अधिकारी व कर्मचारियों की भूमिका नहीं होना बताया है।
बड़ी बात यह है कि एसीबी ने गिरफ्तार गोपाल केसावत, हनुमानगढ़ टाउन निवासी अनिल कुमार धरेन्द्र, दिल्ली निवासी बह्मप्रकाश और हनुमानगढ़ निवासी रविन्द्र शर्मा के मोबाइल की कॉल डिटेल, चैट सहित अन्य आरोपी की जांच तक नहीं की। आरोपियों को रिमांड पर लेने की बजाय न्यायालय के जरिए जेल भिजवा दिया।
18.50 लाख रुपए रिश्वत ली, पूर्व राज्यमंत्री केसावत सहित 4 गिरफ्तार
यह आरोप लगाए
मुख्य परिवादी एडवोकेट हरदीपसिंह सुंदरिया व दूसरे परिवादी सुंदर ने एसीबी सीकर को 7 जुलाई 2023 को लिखित में परिवाद पेश किया, जिसमें बताया कि भर्ती मैरिट में लाने के लिए आरोपी अनिल कुमार धरेन्द्र निवासी हनुमानगढ़ ने आरपीएससी सदस्य मंजू शर्मा व आरपीएससी चेयरमैन के नाम से यह कहकर रुपए मांगे कि ये दोनों 40 लाख रुपए लेंगे। 25 लाख रुपए पहले व शेष 15 लाख रुपए भर्ती के बाद लेंगे। इसके बदले में अभ्यर्थी विकास को मैरिट में लाकर ईओ के पद पर नौकरी लगवा देंगे। उक्त मामले की एसीबी ने एफआइआर दर्ज की।
आरोपी ने ओएमआर सीट देखकर यह भी बताया था कि उसके 62 सवाल सही और 20 सवाल गलत हैं। इस पर विकास व उसके परिजनों को अनिल पर विश्वास हो गया। 40 लाख में सौदा भी तय कर लिया। इसमें 25 लाख पहले और 15 लाख रुपए भर्ती होने के बाद देने की बात कही। इस पर अभ्यर्थी विकास सहित दोनों परिवादी ने एसीबी में शिकायत दी।
यह था मामला
एसीबी ने तीन दिन पहले सीकर में शुक्रवार रात तीन आरोपियों को 18.50 लाख रुपए की घूस लेते गिरफ्तार किया था। एसीबी ने तीनों आरोपियों से सख्ती से पूछताछ की तो आरोपी गोपाल केसावत सहित अन्य का नाम सामने आया। एसीबी ने शनिवार को गोपाल केसावत को जयपुर के प्रताप नगर आवास पर 7.50 लाख रुपए लेते गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार गोपाल केसावत जयपुर के प्रताप नगर में कुम्भा मागज़्, ब्रह्मप्रकाश दिल्ली, अनिल कुमार धरेन्द्र हनुमानगढ़ टाउन तथा रवीन्द्र शर्मा टिब्बी निवासी है।