आज सूर्योदय से प्रात: 7-50 बजे तक शुभ, पूर्वाह्न 10-56 बजे से अपराह्न 3-36 बजे तक क्रमश: चर, लाभ व अमृत तथा सायं 5-11 बजे से सूर्यास्त तक शुभ के श्रेष्ठ चौघडि़ए हैं एवं दोपहर 12-04 बजे से दोपहर 12-54 बजे तक अभिजित नामक श्रेष्ठ मुहूर्त हैं, जो आवश्यक शुभकार्यारम्भ के लिए अत्युत्तम हैं।
आज जन्म लेने वाले बच्चों के नाम (ण, ठ, पे, पो, र) आदि अक्षरों पर रखे जा सकते हैं। रात्रि 1-11 बजे तक जन्मे जातकों की जन्म राशि कन्या व इसके बाद जन्मे जातकों की जन्म राशि तुला है। कन्या राशि के स्वामी बुध व तुला राशि के स्वामी शुक्र हैं। इनका जन्म रजतपाद से है। सामान्यत: ये जातक थोड़े क्रोधी, व्यसनग्रस्त, अहंकारी, साहसी, भवन निर्माण आदि में कुशल, वास्तु के जानने वाले, चित्रकारी और अभिनय के जानने वाले होते हैं। इनका भाग्योदय लगभग 30-32 वर्ष की आयु के बाद ही होता है। कन्या राशि वाले जातकों के आर्थिक क्षेत्र में विकास होगा। पराक्रम व साहस में वृद्धि होगी।
पूर्णिमा ‘‘पूर्णा’’ संज्ञक शुभ तिथि प्रात: 10-04 बजे तक, तदुपरान्त वैशाख कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा प्रारम्भ हो जायेगी। पूर्णिमा तिथि में यदि समयादि शुद्ध हो तो, सभी विवाहादि मांगलिक कार्य, अलंकार, चित्रकारी, प्रतिष्ठा, यज्ञकर्म, युद्ध और घर सम्बन्धी सभी कार्य शुभ व सिद्ध होते है।
हस्त ‘‘क्षिप्र व तिङर्यंमुख’’ संज्ञक नक्षत्र दोपहर 12-42 बजे तक, तदन्तर चित्रा ‘‘मृदु व तिङर्यंमुख’’ संज्ञक नक्षत्र है। हस्त नक्षत्र में यात्रा, विद्या, विवाहादि, अलंकार, वस्त्र, औषधि, गृहारम्भ और प्रतिष्ठादिक कार्य शुभ होते है। अभी मलमास में विवाहादि मांगलिक कार्य वर्जित हैं।
व्याघात नामक नैसर्गिक अशुभ योग रात्रि 2-31बजे तक, तदन्तर हर्षण नामक नैसर्गिक शुभ योग हैं। व्याघात योग की प्रथम नौ घटी शुभकार्यों में त्याज्य है जो सूर्योदय पूर्व ही व्यतीत हो चुकी है।
बव नामकरण प्रात: 10-04 बजे तक, तदन्तर बालव व कौलव आदि करण रहेंगे। व्रतोत्सव:
आज चैत्री पूर्णिमा, सत्यव्रत, वैशाख स्नान प्रारम्भ, मेला सालासार बालाजी व सत्यपुरी धाम वाटिका, सर्वदेव दमनोत्सव, छत्रपति शिवाजी पुण्य दिवस, जैन ओली समाप्त, श्री हनुमान जन्मोत्सव (द.भा.में)
चंद्रमा रात्रि 1-11 बजे तक कन्या राशि में तदुपरान्त तुला राशि में रहेगा।
ग्रह राशि-नक्षत्र परिर्वतन: प्रात: 10-59 बजे पर शुक्र वृष राशि में प्रवेश करेगा। दिशाशूल:
गुरुवार को दक्षिण दिशा की यात्रा में दिशाशूल रहता है। आज रात्रि 1-11 बजे तक कन्या राशि के चंद्रमा का वास दक्षिण दिशा की व इसके बाद तुला राशि के चंद्रमा का वास पश्चिम दिशा की यात्रा में सम्मुख रहेगा। सम्मुख चंद्रमा लाभ लाभदायक व शुभप्रद माना गया है।
दोपहर बाद 1-30 बजे से अपराह्न 3-00 बजे तक राहुकाल वेला में शुभकार्यारम्भ यथासंभव वर्जित रखना हितकर है।