रवि की गंभीर हालत देखकर उसके परिजन तुरंत उसे गांव की मेडी में लेकर गए, जहां झाड़ा-फूंक करवाने के बाद उसे राजकीय भर्तियां अस्पताल के आपातकालीन वार्ड में भर्ती कराया गया। अस्पताल में डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ ने तुरंत उसका उपचार शुरू किया। लेकिन एक और हैरान करने वाली घटना तब घटी जब परिजन जख्मी किशोर के साथ उसी कोबरा सांप को भी जिंदा लेकर अस्पताल पहुंचे। वे सांप को मारकर थैले में डाल लाए थे।
परिजनों का कहना था कि अक्सर चिकित्सकों को सांप की प्रजाति का पता नहीं चल पाता, जिससे इलाज में मुश्किल होती है। लेकिन इस बार सांप की प्रजाति का पता चलने पर इलाज में आसानी हुई और डॉक्टरों ने सही तरीके से उपचार किया।
अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. विजय तेतरवाल ने बताया कि सभी सांप आक्रामक नहीं होते, वे तब हमला करते हैं जब उन्हें छेड़ा या परेशान किया जाता है। पहले जंगलों में इनका विचरण सामान्य था, लेकिन अब जंगलों को काटकर कॉलोनियां बसाई गई हैं, जिससे ये सांप अक्सर घरों में घुस जाते हैं और घबराहट में हमला कर सकते हैं।