रिपोर्ट के अनुसार 1058 उम्मीदवारों ने स्वयं को कर्जदार बताया है, जो कि कुल उम्मीदवारों का 48 हैं। सबसे अधिक कर्जदार भाजपा के प्रेमसिंह बाजोर हैं, जिन पर 80 करोड़ रुपए की देनदारी है और वे धनपतियों में भी तीसरे नम्बर हैं। सबसे अधिक देनदारी वाले उम्मीदवारों में दूसरे नम्बर पर कांग्रेस के रफीक मंडेलिया और तीसरे नम्बर पर भाजपा के गोपाल लाल शर्मा हैं।
एडीआर व राजस्थान इलेक्शन वॉच के विश्लेषण के अनुसार 143 विधायक फिर से चुनाव मैदान में हैं, लेकिन छह के शपथ पत्र स्पष्ट नहीं होने से उनका विश्लेषण नहीं हो पाया। इन पुन: चुनाव लडऩे वाले उम्मीदवारों की औसत सम्पत्ति में 5 साल में 37 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है।
वसुंधरा राजे की सम्पत्ति बढ़ी
भंवरलाल शर्मा की सम्पत्ति बढ़ी 143 विधायक फिर चुनाव मैदान में
विश्लेषण के अनुसार 143 विधायक फिर से चुनाव मैदान में हैं, लेकिन छह के शपथ पत्र स्पष्ट नहीं होने से उनका विश्लेषण नहीं हो पाया। इन पुन: चुनाव लडऩे वाले उम्मीदवारों की औसत सम्पत्ति में 5 साल में 37 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है, जिससे औसत सम्पत्ति 7.24 करोड़ से बढ़कर 9.93 करोड़ रुपए हो गई है।
मंत्री रामप्रताप, राजकुमार रिणवा, बंशीधर बाजिया, संसदीय सचिव रहे भैराराम, पूर्व मंत्री घनश्याम तिवाड़ी व डॉ. राजकुमार शर्मा, कांग्रेस नेता विश्वेन्द्र सिंह सहित 17 विधायकों की सम्पत्ति में कमी आई है।
भाजपा के शासनकाल में पंचायती राज संस्थाओं और शहरी निकायों का चुनाव लडऩे वालों को भले ही पांचवी—आठवीं पढ़े लिखे होना जरूरी कर दिया, लेकिन विधानसभा चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों में से 161 ने स्वयं को सिर्फ साक्षर बताया और 12 ने तो स्वयं को अनपढ़ बताया है।
47 प्रतिशत: कक्षा 5 से 12 तक पढ़े
43 प्रतिशत: स्नातक या ज्यादा पढ़े
39 प्रतिशत 25 से 40 आयु वाले
47 प्रतिशत 41 से 60 आयु वाले
15 प्रतिशत 61 से 80 आयु वाले
182 महिला उम्मीदवार इस
बार, पिछली बार महिला
उम्मीदवार 152 थीं।
सोना देवी
ललित मीणा
कैलाश चंद वर्मा
प्रहलाद गुंजल
प्रताप लाल भील
अमृत लाल मीणा
दर्शन सिंह
अशोक गहलोत
सुशील कंवर
सुखराम विश्नोई
अंजूदेवी धानका
कमसा
गोरधन
नारायण सिंह देवल
ओमप्रकाश हुड़ला
राव राजेन्द्र सिंह
वि_ल शंकर अवस्थी
अनिता भदेल
रामलाल शर्मा
कालूलाल गुर्जर
सुरेश सिंह रावत
अर्जुन लाल जीनगर