ऑटो रिक्शा से दूर होगी किल्लत
बसों की कमी को देखते हुए अब ऑटो रिक्शा की संख्या बढ़ाने की योजना भी बनाई जा रही है। हाल ही परिवहन विभाग ने एलपीजी-सीएनजी ऑटो रिक्शा के परमिट को बढ़ाकर 6,000 कर दिया है। इसके बाद शहर में 35,000 ऑटो रिक्शा संचालित हो सकेंगे, जो बसों की कमी को कुछ हद तक कम करने में मदद करेंगे।बसों की भारी कमी
राजधानी की करीब 50 लाख की आबादी के लिए आदर्श रूप से 1,500 लो-फ्लोर बसों की जरूरत है, लेकिन वर्तमान में केवल 200 बसें ही संचालित हो रही हैं। इस कमी के कारण यात्रियों को बस स्टॉप पर आधे घंटे तक इंतजार करना पड़ता है। वर्ष 2013 में यहां 400 बसें चलती थीं, जो अब घटकर 200 रह गई हैं। इस कमी के चलते शहर में बसों के रूटों की संख्या भी कम हो गई है। अब 35 रूटों की जगह केवल 25 रूटों पर ही बसें चल रही हैं।झुंझुनूं में तैयार होंगे पायलट, बारां में लगेगी लहसुन यूनिट, जानें आपके जिले में कितना आएगा निवेश?
175 इलेक्ट्रिक बसों के लिए टेंडर प्रक्रिया जल्द
300 सीएनजी बसों को बोर्ड बैठक में मूंजरी मिल गई है। इसके अलावा 175 इलेक्ट्रिक बसें भी लाई जा रही हैं। जल्द ही टेंडर प्रक्रिया शुरू की जा रही है।-पुरुषोत्तम शर्मा, एमडी जेसीटीएसएल