सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे पेपर की जब पड़ताल की गई तो हिंदी पेपर हूबहू ‘O’ सीरीज का निकला। परीक्षा शुरू होने से पहले पेपर लोगों तक पहुंचा जिससे अभ्यर्थियों में कई तरह की शंकाएं बनीं रहीं।
सेकंड ग्रेड शिक्षक भर्ती का पेपर आउट होने के बाद अभ्यार्थियों में आरपीएससी के प्रति आक्रोष का माहौल है। अभ्यर्थियों का कहना है आरपीएससी का पेपर आउट होता है ऐसे में विभिन्न परीक्षाएं राजस्थान अधीनस्थ सेवा बोर्ड से करवाना चाहिए। वहीं इस पूरे मामले को लेकर जिला कलेक्टर से बात की तो उन्होंने इस मामले की अनभिज्ञता बताते मामले की जांच करवाने की बात कही।
तथ्यों की होगी जांच: RPSC तथ्यों की जांच करेंगे। बाड़मेर से रिपोर्ट ली है। प्रमाणों से रिपोर्ट लेंगे। फिलहाल आरपीससी को है रिपोर्ट का इंतजार। फिलहाल नहीं माना है वरिष्ठ अध्यापक हिंदी का पेपर आउट। -RPSC सचिव
जयपुर में परीक्षा में नकल कराने का भी आरोप
आरपीएससी की सैकंड ग्रेड की परीक्षा में हिंदी पेपर में परीक्षार्थियों ने एक छात्रा पर नकल कराने का आरोप लगाया। विद्यार्थियों ने परीक्षा समाप्त होने के बाद परीक्षा केन्द्र के बाहर नकल कराने का आरोप लगाते हुए हंगामा कर दिया। गौरतलब है कि इसी परीक्षा का पेपर बाडमेर में सोशल मीडिया पर वायरल होने की भी सूचना थी। अब परीक्षार्थी इस मामले में पुलिस, प्रशासन और आरपीएससी से उचित कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं।
विद्याधर नगर के नया खेड़ा स्थित मयूर पब्लिक स्कूल में परीक्षा देने आए परीक्षार्थियों ने एक छात्रा को वीक्षक द्वारा नकल कराने का आरोप लगाते हुए हंगामा कर दिया। बाद में मौके पर पुलिस भी पहुंची। परीक्षार्थियों का कहना था कि परीक्षा शुरू होने के कुछ देर बाद ही एक वीक्षक जिसका नाम मुकेश कुमार बताया जा रहा है उसने छात्रा को टिक लगा हुआ सॉल्व पेपर दिया। जिसकी शिकायत उन्होंने परीक्षा केन्द्राधीक्षक को भी की, लेकिन कुछ नहीं हुआ।
… इधर, RPSC के निलम्बित यूडीसी पर केन्द्रित हुई पुलिस जांच
वरिष्ठ अध्यापक (सैकंड ग्रेड) भर्ती परीक्षा के दौरान परीक्षार्थियों से रुपए ऐंठकर पेपर उपलब्ध कराने का झांसा देने वाले नकल गिरोह में शामिल आरपीएससी का निलम्बित यूडीसी प्रकाश पारचा अब पुलिस जांच का केन्द्र बिन्दू बन गया है। पुलिस ने प्रकाश से जुड़ी जानकारी जुटाने के लिए बुधवार को अजमेर पहुंचकर आरपीएससी से रिकॉर्ड मांगा, ताकि प्रकाश द्वारा पूर्व में किए गए कारनामों का भी पता चल सके।
गौरतलब है कि गत 28 अक्टूबर को नागौर पुलिस ने सैकंड ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा में परीक्षार्थियों को नकल कराने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर कोचिंग सेंटर संचालक प्रेमसुख विश्नोई व आरपीएससी के निलम्बित यूडीसी प्रकाश पारचा को गिरफ्तार किया था।
इसके बाद पुलिस ने परीक्षार्थियों को पेपर उपलब्ध कराने का झांसा देकर रुपए ऐंठने वाले पांच आरोपियों को भी गिरफ्तार कर सातों को पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया है। जांच अधिकारी राकेश वर्मा ने बताया कि पूछताछ में आए तथ्य एवं जांच को आगे बढ़ाने के लिए आरपीएससी से यूडीसी पारचा से सम्बन्धित रिकॉर्ड ले रहे हैं।
पारचा खुद करता था सम्पर्क
नकल गिरोह के आरोपियों से पूछताछ में यह बात सामने आई है कि आरपीएससी का निलम्बित यूडीसी प्रकाश पारचा पिछले कई वर्षों से आरपीएससी से सम्बन्धित परीक्षाओं में नकल कराने का काम करता था। पकड़े जाने के कारण 38 साल की नौकरी में वह दो बार निलम्बित भी हो चुका है, इसके बावजूद वह नहीं सुधरा और कोचिंग सेंटर संचालकों से सम्पर्क कर परीक्षार्थियों से रुपए ऐंठने के लिए पेपर उपलब्ध कराने का झांसा देता था।
नागौर में ‘मैराथन’ कोचिंग सेंटर चलाने वाले प्रेमसुख से भी पारचा खुद आकर मिला था तथा पेपर उपलब्ध कराने की बात कही थी। प्रेमसुख निलम्बित यूडीसी पारचा के चक्कर में आ गया और प्रदेश के एक दर्जन जिलों में अपने आदमी छोड़कर अभ्यर्थियों को फंसाना शुरू कर दिया। गौरतलब है कि पुलिस को प्रेमसुख के घर से तलाशी के दौरान कई अभ्यर्थियों के शैक्षणिक दस्तावेज मिले हैं।
ये हो चुके हैं गिरफ्तार
पुलिस नकल गिरोह के मुख्य आरोपी प्रेमसुख, निलम्बित यूडीसी प्रकाश पारचा, बेरी कलां के लक्ष्मणराम, झुंझुनूं के बाडेट निवासी रामेश्वरलाल, गंगानगर के 55 एलएनपी निवासी बग्गाराम, रोटू निवासी रामकिशोर विश्नोई व नागौर के गडरिया निवासी लिखमाराम को गिरफ्तार कर चुकी है। जबकि जायल के रोटू निवासी रामनिवास विश्नोई, अलवर के नांगलबानी निवासी दीनदयाल व हनुमानगढ़ के मोहन मगरिया निवासी टेकचंद का नाम भी एफआईआर में शामिल है, जिनकी गिरफ्तारी बाकी है।