गहलोत ने मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी की ओर से स्वाधीनता संग्राम के पुरोधाओं के मोनोग्राफ के डिजिटल संस्करण का लोकार्पण एवं ई-लाइब्रेरी वेब एप्लीकेशन का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि स्वाधीनता सैनानियों के मोनोग्राफ का डिजिटल स्वरूप आजादी के आंदोलन में भागीदारी निभाने वाले इन सैनानियों की यादें युवा पीढ़ी तक आसानी से पहुंचाने और युवाओं को प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन मोनोग्राफ के डिजिटलाइजेशन के बारे में व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए, ताकि छात्रों खासकर शोधार्थियों को हमारे स्वाधीनता सैनानियों के बारे में जानने में आसानी हो। राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी के अध्यक्ष एवं उच्च शिक्षा राज्यमंत्री भंवरसिंह भाटी ने कहा कि 15 वर्ष पहले प्रकाशित 61 मोनोग्राफ के डिजिटल स्वरूप में आने से छात्र सरल व सुगम तरीके से मोबाइल पर डाउनलोड कर हमारे स्वतंत्रता सैनानियों की जीवनी के बारे में अधिक से अधिक जानकारी हासिल कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि 2001 से अब तक दिवंगत हुए लगभग 150 स्वतत्रंता सैनानियों के मोनोग्राफ प्रकाशन की तैयारी की जा रही है।
गौरतलब है कि देश की आजादी के लिए स्वतंत्रता सेनानियों ने काफी बलिदान किए हैं। ऐसे में उनके संघर्ष की कहानियां आज के युवाओं को प्रेरित करने में सहायक हो सकती हैं। अब देखना यह है कि मुख्यमंत्री की यह अपील युवाओं को कितना प्रेरित करती हैं।