फैक्ट्री में भड़की आग, काम कर रहे एक कर्मचारी की हुई मौत
एनआईए-एसआईटी में उलझी जांच, आयोग की रिपोर्ट भी नहीं आई झीरम घटना को लेकर कांग्रेस ने शुरू से सवाल खड़े कर दिए थे। बाद में भूपेश बघेल सरकार ने एसआईटी बनाई उस पर भाजपा ने सवाल खड़े कर दिए। बाद में न्यायिक आयोग की रिपोर्ट को सरकार ने अधूरी बताकर आयोग में नए सदस्य लेकर कार्यकाल को आगे बढ़ा दिया। कुल मिलकर झीरम की जांच में सियासत भारी पड़ गई है।दो तरफा ब्लॉक से बढ़ी परेशानी: साउथ बिहार पकड़ने के लिए राउरकेला की दौड़, ये ट्रेनें हुई घंटों लेट
झीरम हमले की पूरी जांच एक नजर में – 13 मई 2013 को झीरम कांड हुआ।– एक हफ्ते के अंदर न्यायिक आयोग तैयार किया गया।
– इसी बीच सीबीआई की जांच भी खारिज की गई।
– एनआईए ने 88 नक्सलियों की लिप्तता बताई थी।
– 24 सितंबर 2014 को मामले में 9 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल।
– 28 सितंबर 2015 को सप्लीमेंट्री चार्जशीट में 30 लोगों को शामिल किया गया।
– 6 नवंबर 2021 को न्यायिक आयोग ने राज्यपाल को रिपोर्ट सौंपी
– 11 नवंबर 2021 को न्यायिक आयोग में 2 अतिरिक्त लोगों को जोडक़र जांच का दायरा बढ़ाया।