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CG Election 2023 : मुख्यमंत्री केजरीवाल और CM भगवंत मान कल आ रहे छत्तीसगढ़, जगदलपुर में 10वीं गारंटी का करेंगे ऐलान मान्यताओं के मुताबिक गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की उपासना करने से सुख, समृद्धि, बल एवं बुद्धि की प्राप्ति होती है। यही वजह है कि इस दिन गणेशजी को अपने घर लेकर आते हैं और पूरे 10 दिन इसकी पूजा व उपासना कर अपनी मनोरथ पूरा करने की विनती करते हैं। गणपति बप्पा की पूजा खासकर महाराष्ट्र में बड़ी धूमधाम से होती है।
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Weather Alert : मानसून ने बरपाया कहर… ताबड़तोड़ बारिश में गिरी बिजली, 1 की मौत 5 घायल 300 साल बाद बन रहा है यह संयोग इस वर्ष गणेश चतुर्थी इसके भक्तों के लिये बेहद खास बनने वाला है। ज्योतिष के अनुसार गणेश चतुर्थी पर 300 साल बाद तीन योग का संगम हो रहा है। इस दिन बह्मयोग, शुक्ल योग और शुभ योग एक साथ रहेंगे।इसके अलावा इस दिन स्वाति नक्षत्र और विशाखा नक्षत्र भी रहेगा । यही कारण है कि इस दिन भगवान गणेश जी की मूर्ति स्थापना कर विधि विधान पूजा करने से शुभ फल प्राप्त होने की संभावना प्रबल है।
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Weather Alert : मानसून ने बरपाया कहर… ताबड़तोड़ बारिश में गिरी बिजली, 1 की मौत 5 घायल कलंक चतुर्थी के बाद होगी गणेश चतुर्थी वैदिक पंचांग के अनुसार कलंक चतुर्थी और गणेश चतुर्थी एक ही दिन मनाई जाती है। 18 सितंबर को दोपहर 2 बजकर 9 मिनट से चतुर्थी तिथि लगेगा। शाम को चतुर्थी लगने के कारण 18 सितंबर को कलंक चतुर्थी मनाई जायेगी। जबकि अगले दिन सूर्योदय के पश्चात गणेश चतुर्थी का योग बन रहा है।
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भयंकर बारिश में उजड़ रहा बच्चों का भविष्य.. नदी पार कर जा रहे स्कूल, अब तक सो रही प्रशासन ज्योतिषाचार्य पंडित दिनेश दास ने बताया कि भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 18 सितंबर दोपहर 2 बजकर 9 मिनट से 19 सितंबर दोपहर 3 बजकर 13 मिनट तक रहेगा। यही वजह है कि इस बार गणेश चतुर्थी का पर्व 19 सितंबर को मनाया जायेगा। वैसे तो गणेशजी की मूर्ति स्थापना सुबह से किया जा सकता है, लेकिन स्थापना व पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजे से दोपहर 01 बजकर 26 मिनट तक रहेगा। पौराणिक मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र भगवान गणेश का जन्म हुआ था।