रिपोर्ट के मुताबिक़ इन सबके ऊपर आईपीसी के 120 बी ,420, 468, 471,193 धारा लगी है। इन्होंने कूटरचित दस्तावेज तैयार कर नीलेश पांडेय और रिंकू साहू के विरुद्ध सुकमा थाना में रिपोर्ट लिखा कर फंसा दिया था। इस मामले में लोअर कोर्ट ने रिंकू साहू और निलेश पांडेय को बरी कर दिया है। उक्त मामले में रूपचंदानी और टूमन साहू को रायपुर तथा दिनेश चौहान को जगदलपुर से पुलिस ने गिरफ़्तार किया।
पुलिस के मुताबिक करकापाल में रहने वाले जीपी पांडेय उम्र 42 वर्ष रीजनल बिजनेश हेेड के पद पर जगदलपुर में कार्य करते थे। जिनका काम व्यवसायिक वाहनों में ग्राहकों अपने अधीनस्थ आने वाली शाखाओं के शाखा प्रबंधकों से ऋण मुहैया करवाना था।
ट्रांसपोर्ट फाइनेंस कंपनी लिमिटेड कंपनी द्वारा टारगेट को पूरा कराने जून 2021 को संजय रुपचंदानी रीजनल हेड, दिनेश सिंह चौहान और टुमन लाल साहू, सुदर्शन वीहोला, सूरज सरोगी, ए.गणेश ने दुर्भावनापूर्वक मिलकर कूटरचना कर झूठे दस्तावेज तैयार कर जीपी पांडये और उनके अधीनस्थ कर्मचारी रिंकू साहू के विरुद्ध सुकमा थाने में झूठी शिकायत दर्ज करा दी थी। उन्हे कंपनी से निष्कासित किया गया और 17 दिन जेल की अभिरक्षा में रहना पड़ा।
संजय रुपचंदानी ने अपने पद और कंपनी में जमा, आम जनता के पैसे का दुरुपयोग कर 70 हजार रुपए कंपनी से आहरित कर जीपी पांडेय के खिलाफ एफआइआर और गिरफ्तारी करवाने में उपयोग किया गया। जीपी पांडेय ने इन सभी के विरुद्ध 12 जून को बोधघाट थाना में शिकायत की थी। पुलिस की जांच में आरोप सही पाए जाने पर सभी आरोपियों के विरुद्ध विभिन्न धाराओं में अपराध पंजीबद्ध कर गिरफ्तारी की कार्यवाही की गई है।