गत 13 फरवरी को पत्रिका में वन विभाग द्वारा मनरेगा के तहत ग्राम पंचायत धनियालूर क्षेत्र के जंगल में कराये गये कार्य 17 .60 लाख में सिर्फ तीन झोपडी का… समाचार प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया था। इस खबर के बाद कलेक्टर रजत बंसल ने जांच के आदेश दिया हैं। पत्रिका की टीम ने कुरंदी से सटे धनियालूर के जंगल में हुए इस कार्य का मुआयना किया जिसमें आवर्ती चराई विकास कार्य के नाम पर हुए इस भ्रष्टाचार का मामला प्रकाश में आया हैं। इस स्थल पर शासन द्वारा बताये गये कार्याे का कोई नामोनिशान नहीं है। यहांँ पर वन विभाग द्वारा पूर्व में खोदा गया सूखा हेण्डपम्प को डीएमएफटी मद में बुक करवा कर उसकी राशि भी वन अफसर हड़प गए है वन अफसरों के एक से बढ़कर एक कारनामे किए गए है नो कि आश्चर्यजनक है ।
सीपीटी के नाम पर पुरानी नाली को किया रिपेयर….
वन विभाग के अफसर धनियालूर में नई सीपीटी न खोदकर पुरानी नाली का रिपेयर कर शासन को लाखो का चूना लगाया है ग्रामीणो के मुताबिक वन अफसरों ने कई साल पहले खुदी नाली कुछ मजदूरों को लगाकर रिपेयर करवाया है कुछ दूरी तक जेसीबी से भी खनन करवाया गया है जो कि नियम विरुद्ध है वहाँ न तो चारागाह है और न ही वृक्षारोपण ही किया गया है । मामला प्रकाश में आने के बाद अब वह अधिकारी इलाके में सीपीटी खनन हेतु मजदूर लगाए है । मामले की लीपापोती करने में जुट गए है यदि इस मामले की निष्पक्ष जांच होती है तो कई सनसनीखेज मामले उजागर हो सकते है ।