Diwali 2024: नकली मिठाई के कारोबारियों के हौसले बुलंद
जानकारी के अनुसार अधिक मुनाफे के लिए खोए बनाने के लिए खतरनाक केमिकल का उपयोग किया जाता है। ज्यादातर दुकानों में मिलावटी और दूषित खोवा से बनी मिठाइयों की बिक्री हो रही है। खाद्य विभाग जांच के नाम पर दिखावे के लिए हर साल मिठाइयों के सैंपल लेती है और बाद में इस सैंपल का क्या होता है किसी को नहीं मालूम। यही वजह है कि खाद्य विभाग की उदासीनता से नकली मिठाई के कारोबारियों के हौसले बुलंद है।
सेहत पर संकट
खाद्य विभाग सैंपल लेने तक सीमित, सैंपल के बाद भी नहीं होती कार्रवाई कड़ी कार्रवाई के आभाव में बाजार में मिलावटी मिठाईयों की भरमार कैंसर होने का भी खतरा
मिठाइयों में घटिया और नकली रंगों का इस्तेमाल होता है। खाने वाले रंग हो तो ज्यादा घातक नहीं है। रंगों में कार्बन व भारी मेटल होते हैं, यह सेहत को भारी नुकसान पहुंचाते हैं। इससे एलर्जी, अस्थमा जैसी बीमारी होती है। लंबे समय तक ऐसी मिलावटी मिठाई खाने से कैंसर भी हो सकता है। डॉ नवीन दुल्हानी, एमडी मेडीसीन मेकाज डिमरापाल
चांदी के वर्क से रंग बिरंगी मिठाइयों को सजाया जाता हैं। आजकल चांदी वर्क भी नकली तैयार किया जा रहा है। अक्सर कई दुकानों पर मिठाइयों को चमकीला और आकर्षक बनाने के लिए चांदी का वर्क किया जाता है।
मिठाई को सुंदर बनाने वाला ये वर्क चांदी का नहीं बल्कि एलुमिनियम का वर्क होता है जो कि हमारे शरीर के लिए अत्यंत हानिकारक होता है और सेहत को खराब कर सकता है। अंगुली में रगड़ने पर एलुमिनियम वर्क गायब हो जाता है। इस तरीके से नकली चांदी का वर्क पहचान किया जा सकता है।
खोवा से बनने वाली मिठाइयां में खूब मिलावट किया जा रहा है। ऐसे में दीपावली के मौके पर मिठाई किसी भरोसेमंद दुकानों से लें। अधिकांश दुकानदार कागज़, रिफाइंड तेल, स्किम्ड मिल्क पाउडर, यूरिया, स्टार्च, माल्टोडेक्सट्रिन, सोडियम क्लोराइड, डिटर्जेंट, हाइड्रोजन पेरोक्साइड और फॉर्मलाडेहाइड जैसे खतरनाक वस्तुओ से खोवा तैयार करते हैं।
कई बार बासी खोए को गरम कर उसे ताजा बनकर बेच दिया जाता है। इसे अच्छा दिखाने तथा महक के लिए कई तरह के केमिकल का उपयोग होता है, जो शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है।
मिठाई खरीदते समय रखें इन बातों का ध्यान
दूध से बनी मिठाई में अगर अजीब तरह की गंध आ रही है, तो वह नकली हो सकता है। मिठाई का रंग बहुत ज्यादा गहरा न हो। बासी और सूखापन दिखाई देने वाले मिठाई कभी न लें। मिठाई में वर्क नकली हो सकता है, हाथ से रगड़ने पर छुट जाए तो वह नकली है। मिठाई की स्वाद और खुशबू से उसकी गुणवत्ता का पता चलता है।
रंगीन मिठाई को छूने पर रंग छूटता है तो वह नकली है।
गंभीर बीमारियों का कारण
Diwali 2024: त्योहार के दौरान बाजार में बिकने वाली मिठाइयों में अधिक रंग का प्रयोग होता है जिससे वह बहुत ही रंगीन दिखाई देते हैं। रंग बिरंगी मिठाइयां आमतौर पर एलर्जी, किडनी डिजीज और अस्थमा जैसी गंभीर बीमारियों का कारण कर बन सकती हैं। ऐसे में बाजार में मिलने वाली इस तरह की मिठाई से दूर रहना चाहिए।