सीबीएसई ने पिछले सप्ताह ही देशभर के सभी संबद्ध स्कूलों को इस संबंध में विस्तृत गाइडलाइन जारी कर दी है। अब इसी गाइडलाइन के आधार पर स्कूल कार्यक्रम तय करेंगे। इस गाइडलाइन के जरिए छात्रों की लोकतंत्र में प्रभावी भूमिका तय की जाएगी।
यह देखने में आया है कि पिछले कई दशकों से नेतृत्व करने वालों में कम पढ़े लिखे, आपराधिक क्षेत्रों में शामिल रहने लोगों की भागीदारी बढ़ी है। ऐसे में लोकतंत्र के भविष्य को लेकर सवाल उठने लगे हैं। इसे देखते हुए आम लोगों को चुनावी तौर पर साक्षर करना, लोकतंत्र के मूल्यों की जानकारी देना जरूरी हो गया है। सीबीएसई ने स्कूल स्तर पर ही इसकी शुरुआत करने का निर्णय लिया है। केंद्रीय चुनाव आयोग की सहभागिता से यह मुहिम शुरू की गई है।
लोकतांत्रिक भागीदाारी और सक्रिय नागरिकता की सोच
सीबीएसई ने यह पहल इसलिए की है ताकि स्कूलों में चुनावी क्लब के माध्यम से छात्रों में नागरिक सहभागिता, लोकतांत्रिक भागीदारी, आलोचनात्मक सोच, सक्रिय नागरिकता और चुनावी साक्षरता को बढ़ावा मिल सके। चुनावी क्लब लोकतांत्रिक मूल्यों, लोकतांत्रिक प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी, सक्रिय नागरिकता और कम उम्र से ही जिम्मेदार नेतृत्व को बढ़ावा देने के लिए मंच के रूप में काम करेंगे। ये क्लब छात्रों को मतदाता पंजीकरण और मतदान प्रक्रियाओं से परिचित कराएंगे।
छात्रों में बोलने की प्रभावी क्षमता विकसित होगी
चुनावी क्लब के माध्यम से ऐसा माहौल तैयार किया जाएगा कि छात्रों में बोलने की क्षमता विकसित होगी। चुनावी क्लबों और लोकतंत्र क्लबों में सभी छात्र सदस्य बन सकेंगे। छात्रों को अपनी राय व्यक्त करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए कहा गया है। इसके लिए कार्यशालाएं होंगी, जिसमें छात्र अपने विचार व्यक्त कर सकेंगे। स्कूलों को क्लब गतिविधियों के संचालन और देखरेख के लिए सलाहकार या समन्वयक नियुक्त करने होंगे। चुनावी क्लब और लोकतंत्र कक्ष का गठन प्राइमरी, मिडिल और हाई-हायर सेकेंडरी स्तर पर किया जाएगा। मॉक इलेक्शन के जरिए समझेंगे मतदान की प्रक्रिया
छात्रों को मॉक या डमी इलेक्शन के माध्यम से प्रचार, मतदान और मतगणना के चरणों की जानकारी दी जाएगी। लोकतंत्र, शासन, चुनावी सुधार और प्रासंगिक समसामयिक मामलों पर वाद-विवाद, पैनल चर्चा और खुले मंच आयोजित किए जाएंगे। इसके अलावा
चुनाव अधिकारियों, राजनीतिक प्रतिनिधियों को उनके अनुभवों, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के महत्व और लोकतांत्रिक शासन पर व्याख्यान देने के लिए बुलाया जाएगा।