CG News: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने दिया बड़ा बयान
अपने संबोधन में सहकारिता मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि सहकारी समितियों के सशक्तिकरण से किसानों सहित गांव, प्रदेश और देश की समृद्धि जु़ड़ी हुई है। सबकी सहभागिता से सबका विकास ही सहकारिता का मूल उद्देश्य है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के गांव, गरीब और किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए ”सहकार से समृद्धि” को साकार करने का आव्हान किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व वाली हमारी सरकार का ध्येय वाक्य भी ”सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास” है और इसी ध्येय वाक्य को लेकर हमारी सरकार लोगों के हित में काम कर रही है। उन्होंने सहकारी समिति से जुड़े लोगों से कहा कि सहकारिता के क्षेत्र में हमारा काम जमीनी स्तर पर दिखनी चाहिए। सबकी सहभागिता और सहयोग से ही हम आर्थिक रूप से समृद्ध हो सकेंगे।
अब तक साढ़े 5 हजार करोड़ रूपए ऋण वितरण किए जा चुके
सहकारिता मंत्री कश्यप ने कहा कि धरती मां को हम वसुंधरा के नाम से भी जानते हैं। इस वसुंधरा की हम पूजा करने वाले लोग हैं। जहां भी हल चलाकर हम बीज बो देते हैं। वसुंधरा हमें जीवकोपार्जन के लिए कई गुना अनाज देती है। उन्होंने कहा कि सहकारी समिति केवल धान, बीज खरीदी और बिक्री का केन्द्र नहीं, बल्कि इसे मल्टी एक्टिविटिज तथा कॉमन सर्विस सेंटर के रूप में विकसित करने की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार ने प्रदेश के किसानों से एक-एक दाना धान खरीदेंगे।
मंत्री केदार कश्यप ने किसानों को संबोधित करते हुए आगे कहा कि भाजपा सरकार ने ही सहकारिता के माध्यम से समाज में परिवर्तन लाने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि हरित क्रांति और श्वेत क्रांति की सफलता में सहकारिता का बड़ा योगदान रहा है। लेकिन सहकारिता कभी भी हमारी नियोजित विकास प्रक्रिया का हिस्सा नहीं रही है।
सहकारिता मंत्रालय नाम से एक नए मंत्रालय का गठन
CG News: पूर्ववर्ती
कांग्रेस सरकारों ने नीतिगत योजनाओं में भी कभी विशेष महत्व नहीं दिया। जिसके चलते इसकी संभाव्य क्षमता का भरपूर उपयोग नहीं हो पाया है। लेकिन मोदी सरकार के विकास मॉडल में सहकारिता को ‘सहकार से समृद्धि’ का आधार माना गया है, जिसके चलते हाल के वर्षों में सहकारिता के विकास पर अधिक समग्रता से प्रयास किए गए हैं।
भारत सरकार ने 6 जुलाई, 2021 को सहकारिता मंत्रालय नाम से एक नए मंत्रालय का गठन किया है, जो कि एक ऐतिहासिक निर्णय है। यह मंत्रालय सहकारिता को असली जनांदोलन के रूप में समाज की जड़ों तक ले जाने में सहायक होगा। यह मंत्रालय सही मायनों में सहकारी संघवाद की भावना स्थापित करने के लिहाज से सहकारिता का एक अग्रदूत साबित होगा।