CG News: रणनीति पर इसी साल से काम शुरू
शाह ने अपने बस्तर दौरे में बार-बार कहा कि सुरक्षा के साथ विकास का वादा भी निभाना है। सुरक्षा बल के कैंपों के जरिए ग्रामीणों तक सुविधाएं पहुंचाने की रणनीति पर इसी साल से काम शुरू हो गया है। कैंप से सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा तक नक्सलियों का आतंक खत्म करके रहेंगे।नए साल में और बढ़ेंगे कैंप
नक्सल इतिहास का सबसे सफल साल रहा 2024नक्सल खात्मे की दिशा में निर्णायक साल होगा 2025
नक्सल आतंक सिमटा तो तेजी से घूमा विकास का पहिया
250 नक्सली मारे गए
सालभर में सात जिले में मारे गए 250 से ज्यादा नक्सलीआजादी के साढ़े सात दशक बाद कई गांवों में बिजली पहुंची
बस्तर को बदलने में अमित शाह के सात फॉर्मूले
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह इसी महीने बस्तर आए तो उन्होंने बदलाव लाने के जो फार्मूले दिए उन पर काम शुरू कर दिया गया है। लगातार ऑपरेशन लांच करें, नक्सलियों की फंडिंग रोकें तो टूटेगी कमर।ग्रामीणों तक विकास पहुंचेगा तो नक्सलवाद का खात्मा तय।
बस्तर के जंगलों में इंटरनेट का जाल बिछाएं।
घरों में बिजली पहुंचाई जाए। बच्चों व युवाओं को शिक्षा से जोड़ें।
ग्रामीणों को राशन मिले, राशन कार्ड बने, आयुष्मान कार्ड बनाएं, बैंक खाते खोलें।
हर ग्रामीण तक स्वास्थ्य सुविधा पहुंचे, गांव के पास ही स्वास्थ्य केंद्र बने।
विकास से ही होगा नक्सलवाद का खात्मा, इसी सोच के साथ आगे बढ़े।
48 मुठभेड़ों में कुल 56 वैपन मिले
बीजापुर जिले में बीते एक साल में 406 अपरेशान लांच हुए जिनमें 58 नक्सली मारे गए। इस दौरान कोर एरिया में 12 नए कैंप खोले गए। जिले में हुई कुल 48 मुठभेड़ में कुल 56 वैपन मिले। एसएलआर, एलएमजी, एके 47, इंसास जैसे हथियार बरामद किए गए हैं। साल 2024 में फोर्स को सबसे कम नुकसान हुआ। नक्सलियों से लोहा लेने मैदान में उतरे 6 जवानों ने शहदत दी।हैं वहीं 189 नक्सलियों ने सरेंडर किया है। 502 नक्सली को गिरफ्तार किया हैं। वहीं 189 नक्सलियों ने सरेंडर किया है।
2024 में हुई मुठभेड़
जनवरी से अप्रैल तक छत्तीसगढ़-तेलंगाना बॉर्डर पर 3 मुठभेड़ में 42 नक्सल मारे गए।2 अप्रैल को बीजापुर के करचोली में 13 नक्सली मारे गए।
5 अप्रैल को दंतेवाड़ा में 1 नक्सली ढेर
15 अप्रैल को कांकेर जिले के छोटे बेठिया में 29 नक्सलियों को मारा गया।
29 अप्रैल को नारायणपुर में 10 नक्सली ढेर किए गए।
10 मई को बीजापुर में 12 नक्सली ढेर।
23 मई को अबूझमाड़ के रेकावाया में 8 नक्सली मारे गए।
8 जून को अबूझमाड़ के आमदई एरिया में 6 नक्सली मारे गए।
10 मई को बीजापुर में 12 नक्सली ढेर हुए।
15 जून को अबूझमाड़ में 8 नक्सली ढेर।
17 जुलाई को छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र बॉर्डर पर मुठभेड़ 12 नक्सली मारे गए।
20 जुलाई को सुकमा के जगरगुंडा इलाके में मुठभेड़, 1 नक्सली मारा गया।
29 अगस्त को नारायणपुर-कांकेर बॉर्डर मुठभेड़, 3 महिला नक्सली ढेर।
3 सितंबर को दंतेवाड़ा-बीजापुर बॉर्डर पर 9 नक्सली ढेर।
5 सितंबर को छत्तीसगढ़-तेलंगाना बॉर्डर पर मुठभेड़ में 6 नक्सली ढेर।
5 अक्टूबर को अबूझमाड़ के थुलथुली में 38 नक्सली मारे गए।
5 दिसंबर को तेलंगाना बॉर्डर पर 6 माओवादियों को ढेर किया गया, इनमें भी 2 महिला।
12 दिसंबर को अबूझमाड़ के जंगलों में 7 नक्सली मारे गए।
सबसे मुश्किल सड़क पर BRO
दो दशक के बाद बस्तर में बीजापुर की एंट्री हुई तो उसने सबसे पहला काम बीजापुर जिले में शुरू किया। जिले में तर्रेम से पामड़ तक 42 किमी और सिलगेर से पूवर्ती तक 51 किमी की सड़क बीआरओ बना रही है। बीजापुर जिले में इस वर्ष बड़े पुलों का भी निर्माण हुआ है जिसमें पामेड़ में चिंतावगु नदी पर पूंडरी में, नुगुर में और महाराष्ट्र को जोड़ने वाला बेदरे पुल बना है।CG Naxal News: 5 दिन में नक्सलियों ने की 3 ग्रामीणों की हत्या, पुलिस जवान के भाई को भी उतारा मौत के घाट
जनवरी में खात्मे का बनेगा प्लान
बस्तर से नक्सलवाद को पूरी तरह खत्म करने के लिए बदलाव की रणनीति बन चुकी है। यह बदलाव जनवरी के पहले सप्ताह में दिल्ली में होने वाली बैठक में मंजूर हो सकते हैं। नए प्लान के अनुसार 2025 में दिसंबर तक फोर्स अबूझमाड़ को पूरी तरह घेर लेगी, क्योंकि नक्सली सुकमा-बीजापुर माड़ में शिफ्ट हो रहे हैं। पैरामिलिट्री फोर्स के डीजी और एडीजी रैंक के अधिकारी जंगल में कैंप करेंगे और 2 से 3 रातें जवानों के साथ रहेंगे।2.62 करोड़ इनाम के 38 नक्सली ढेर
4-5 अक्टूबर को अबूझमाड़ में नारायणपुर-दंतेवाड़ा सीमा पर थुलथुली गांव में हुई मुठभेड़ नक्सल इतिहास की सबसे बड़ी मुठभेड़ थी। इसमें 38 नक्सली मारे गए थे जिन पर 2 करोड़ 62 लाख का इनाम घोषित था। वहीं मारे गए नक्सलियों पर 250 से ज्यादा अपराध भी दर्ज थे। इस मुठभेड़ के जरिए नक्सलियों के सबसे मजबूत प्लाटून नंबर 6 पर प्रहार किया गया। मुठभेड़ में नीति उर्फ उर्मिला मारी गई थी।बदली तस्वीर, बिजली के साथ नेटवर्क पहुंच
साल 2024 में जिले में किस तरह के बदलाव हुए?नियद नेल्लानार योजना से गांवों की तस्वीर बदली, 12 कैंप खुले, गांवों में बिजली पहुंची, मोबाइल टावर स्थापित हुए।
बीआरओ रोड बना रही है। कोंडापल्ली से तर्रेम तक सड़क बन रही है। इस रास्ते में 5 कैंप और बहुत से गांव हैं। जिले में इस साल बिजली किन गांवों तक पहुंची पाई है?
गुंडम, छुटवाई, पालनार के चार-पांच गांव में ग्रेड से कनेक्ट कर हर घर बिजली दी जा रही है।
गांवों में सोलर ड्यूल पंप प्रस्तावित थे, सारे लग चुके हैं सभी गांव में साफ पानी मिल रहा हैं। कोर इलाके में कितने स्कूल नए खोले गए?
इस वर्ष 28 स्कूलों को पुन: संचालित किया गया हैं जो पहले नक्सली हिंसा कि वजह से बंद हो गए थे अभी 28 स्कूल शिक्षादुत के माध्यम से खोले गए हैं।
हमारे 6-7 कैम्प एरिया में टावर लग चुके हैं, पामेड़ में बीएसएनएल का टावर था उसे 4जी में अपग्रेड किया जा चुका है। जिले में अब आगे क्या?
विकास और सिर्फ विकास ही लक्ष्य है, जिस पर हो रहा काम।
दबाव बढ़ा तो सरेंडर और गिरफ्तारी बढ़ी
प्रभावित इलाकों में कैंप खुलने का क्या असर हुआ?नक्सली बैकफुट पर गए, दबाव बढ़ा तो 189 नक्सलियों ने सरेंडर किया और 502 की गिरफ्तारी हुई। आत्मसमर्पण नीति कितना प्रभावित कर रही है?
सरेंडर की बढ़ती संख्या बताती है कि नीति से नक्सली प्रभावित हैं।
बढ़ते दबाव के बीच नक्सली भी हमले की रणनीति बदल रहे हैं, घांस की वेशभूषा और डमी बनाकर जवानों को चकमा देने की कोशिश कर रहे हैं। हमारे जवान भी इसका जवाब दे रहे हैं।
इस वर्ष हमारे जवानों ने जिले में 200 से अधिक आईडी बारमद कर डिफ्यूज की है। हजारों की संख्या में रॉकेट लांचर भी मिले हैं। कोर इलाके में खुले कैंप से कैसी सुविधा मिल रही?
कोर इलाकों में कैंप खोलकर हम ग्रामीणों को नियद नेल्लानार योजना के तहत शुद्ध पेयजल, स्कूल, आंगनबाड़ी, आने जाने के सुगम सड़कें और राशन जैसी सुविधा देने का काम कर रहे हैं। कैंप अब सुविधा केंद्र के रूप में काम रहे हैं।
बस्तर पुलिस की एक ही रणनीति है और वह है सुरक्षा, विश्वास और विकास।