नायब तहसीलदार ने बताया कि सभी वाहनों में
अवैध रेत की तस्करी की जा रही थी। किसी के पास भी कोई दस्तावे नहीं था। ऐसे में सभी वाहन मालिकों से जानकारी मांगी जाएगी, कि उनको किसने अनुमति दी है। अवैध रेत खनन का अगर दस्तावेज नहीं दिया जाता है। तो उनके खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा और जुर्माना लगाया जाएगा।
गौरतलब है कि अधिकतर रेत का अवैध परिवहन बजावंड क्षेत्र से हो रहा है। मैसाबेड़ा ओड़िशा सीमा में इंद्रावती नदी का सीना चीर बड़ी मात्रा में रेत का उत्खनन कर इसे बस्तर में खपाया जा रहा है। इंद्रावती नदी के रामपाल तट झरनीगुड़ा, तारापुर से अवैध परिवहन के मामले की जानकारी के बाद विभागीय अमला लगातार कार्रवाई कर रहा है।
CG illegal transportation: गौरतलब है कि इंद्रावती नदी, मार्कंडेय नदी सहित अन्य ग्रामीण क्षेत्रों से भारी मात्रा में अवैध रेत उत्खनन और परिवहन के मामले सामने आ रहे हैं।
खनिज विभाग मैदानी अमला स्टाफ की कमी से जूझ रहा है, इतने बड़े जिले में मात्र दो खजिन निरीक्षक पदस्थ हैं। वहीं बस्तर जिले के प्रत्येक स्थानों पर प्रतिदिन निरीक्षण कर पाना संभव नहीं हो पाता है, दूसरी तरह विभाग में रिक्त पदों पर भी भर्ती नहीं की जा रही है।