बस्तर संभाग में डेढ़ हजार से अधिक शिक्षक विहीन विद्यालय: व्यापमं द्वारा वर्ष 2020- 21 में 7159 शिक्षकों की बस्तर में नियुक्ति की गई थी। लेकिन इनमें से अधिकांश शिक्षकों की नियुक्ति जिला मुख्यालय एवं उसके आसपास कर दी गई। एकल शिक्षकीय विद्यालयों का ख्याल नहीं रखे जाने के कारण बस्तर संभाग में 1782 विद्यालय आज भी शिक्षकों की बाट जोह रहे हैं। बस्तर विधानसभा के विधायक लखेश्वर बघेल के एक प्रश्न के जवाब में सरकार ने विधानसभा में जो जानकारी दी है। उसके मुताबिक सर्वाधिक 393 एकल शिक्षकीय विद्यालय बस्तर जिले में हैं। इसके अलावा बीजापुर में 357 तथा कांकेर में 355 विद्यालय हैं।
CG Education: साढ़े तीन हजार विद्यालय प्राचार्य विहीन
प्रदेश में हाई स्कूल एवं हायर सेकेंडरी स्कूलों में प्राचार्य के 4783 पद स्वीकृत हैं। जिनमें से मात्र 1207 नियमित प्राचार्य पदस्थ हैं। शेष 3576 विद्यालय प्रभारी प्राचार्यो के भरोसे हैं। मध्यप्रदेश के समय से आदिवासी इलाकों में शिक्षा व्यवस्था ट्राइबल विभाग के अधीन हुआ करती थी। लेकिन बाद में शिक्षाकर्मियों की भर्ती ने प्रदेश में शिक्षकों के तीसरे प्रकार को स्थापित किया।
छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद शिक्षा व्यवस्था में एकरुपता लाने ट्राइबल विभाग की शिक्षा व्यवस्था एजुकेशन को दे दी गई थी। तथा शिक्षाकर्मियों का संविलियन भी कर दिया गया था। एकरुपता के बावजूद सभी संवर्ग के शिक्षकों के भर्ती एवं पदोन्नति नियम अलग-अलग बने हुए हैं। इसके कारण पिछले डेढ़ दशकों से टी संवर्ग के शिक्षकों की पदोन्नति अटक गई है। ट्राइबल इलाके में ही डेढ़ हजार से अधिक प्राचार्य के पद रिक्त पड़े हैँ।