यह भी पढ़ें :
CG Election 2023 : तेज हुई सियासी हलचल, नाराज ओजस्वी के घर पर समर्थकों का डेरा राज्य बनने के बाद यह सीट पहली बार आरक्षित रही। तब सुभाऊ कश्यप 30289 वोट से चुनाव जीते थे। उन्होंने कांग्रेस के झितरुराम बघेल को करारी शिकस्त दी थी। इसके बाद 2008 में सीट सामान्य हुई और यहां से पहली बार संतोष बाफना और रेखचंद जैन आमने-सामने हुए तब जैन को बाफना ने 17524 वोटों से हराया। इसके बाद 2013 में फिर बाफना ने कांग्रेस के सामू कश्यप को 16558 वोटों से शिकस्त दी।
यह भी पढ़ें :
CG Assembly Election 2023 : वाहनों की हो रही सघन चेकिंग, कई जगह लगाए गए चेक पोस्ट इसके बाद 2008 में हार झेलने वाले रेखचंद जैन ने 2018 में दस साल के बाद वापसी की और उन्होंने इस सीट पर सुभाऊ कश्यप के बाद सबसे लंबे अंतर से चुनाव जीता। रेखचंद ने संतोष बाफना को तब 27 हजार 440 वोटों से हराया। इस सीट पर होने वाले चुनाव से लेकर परिणाम तक पर प्रदेशभर की निगाह होती है। यहां से जितने वाले विधायक को सरकारों ने भी अहम पद सौंपे हैं। संतोष बाफना ने जहां पर्यटन मंडल अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाली तो वहीं रेखचंद जैन पिछले पांच साल से सरकार में संसदीय सचिव हैं।
यह भी पढ़ें :
मानसून की विदाई के बीच दिन और रात के तापमान में 12.6 डिग्री का अंतर प्रत्याशियों में लगभग हर समाज के लोग शमिलजगदलपुर के चुनाव में लगभग हर समाज से प्रत्याशी चुनाव लड़ते देखे गए हैं। प्रत्याशियों की संख्या ज्यादा होने की वजह से लगभग हर समाज का चेहरा चुनाव मैदान में नजर आता है। दो चुनावों में तो जैन समाज से ही प्रत्याशी आमने सामने थे वहीं दो चुनावों में आदिवासी समाज के प्रत्याशियों ने नंबर एक और दो पर रहे। बाकी के प्रत्याशियों में साहू समाज, माहरा समाज, ब्राह्मण समाज, मुस्लिम समाज जैसे समाजों के प्रत्याशी शामिल रहे हैं।