यह है नियमविधि विभाग संबंधित जिले के अभियोजन शाखा को वापसी योग्य मामलों की सूची सौंपेंगे। इसके आधार पर अभियोजन अधिकारी आवेदन तैयार कर इसे अदालत में पेश करेंगे। साथ ही शासन की ओर से अपना अभिमत भी देंगे। इस दौरान किसी भी तरह की आपत्ति नहीं आने पर अदालत अपना फैसला सुनाएगी। इसी तरह थानों में दर्ज प्रकरणों का खात्मा करने के लिए फाइल पुलिस मुख्यालय भेजी जाएगी। वह थानों से जानकारी एकत्रित कर इसे गृहविभाग को भेजेंगे। इस पर विचार करने के बाद गृहविभाग अनुमति द्वारा आदेश जारी किया जाएगा। इसके आधार पर थानों में दर्ज प्रकरणों का खात्मा किया जाएगा। गौरतलब है कि इसके पहले भी कांग्रेस शासनकाल में नेताओं के खिलाफ दर्ज मामलों की वापसी के लिए आवेदन लगाया गया था।
गृहमंत्री से हरी झंडी के बाद इसकी कवायद शुरू हो गई है। जिले के अभियोजन अधिकारियों व पुलिस प्रशासन द्वारा इसकी जानकारी जुटाई जा रही है। उनके खिलाफ दर्ज प्रकरणों की संख्या, उनकी वर्तमान स्थिति और वापसी योग्य विचाराधीन मामलों का ब्यौरा तैयार किया जा रहा है। इसकी रिपोर्ट तैयार करने के बाद विधि विभाग को भेजा जाएगा। इसकी स्वीकृति मिलते ही संबंधित अदालत में प्रकरण वापसी के लिए आवेदन लगाया जाएगा।