scriptबस्तर के लोगों को लुभा रही ईटली-फ्रांस की नीली-पीली फूल गोभी, बढ़ती आय को देखकर किसान हो रहे प्रभावित | Carotene and valentina blue and yellow cauliflower JAGDALPUR | Patrika News
जगदलपुर

बस्तर के लोगों को लुभा रही ईटली-फ्रांस की नीली-पीली फूल गोभी, बढ़ती आय को देखकर किसान हो रहे प्रभावित

Carotene and valentina cauliflower: बस्तर में पहली बार विदेशी प्रजाति की फूलगोभी ने बस्तर के बाजार में प्रवेश किया है। कोंडागाँव से प्रतिदिन एक क्विंटल हरे, पीले और बैगनी रंग के गोभी की शहर में खपत हो रही है। बस्तर के किसान भी नवाचार के तहत विदेशी सब्जियों को उगाने में रुचि ले रहे हैं। इसके साथ ही किसान खुशहाल भी हो रहे हैं।

जगदलपुरDec 23, 2022 / 12:18 pm

CG Desk

ईटली-फ्रांस की नीली-पीली फूल गोभी

ईटली-फ्रांस की नीली-पीली फूल गोभी

Carotene and valentina cauliflower: ठंड के मौसम में बाजार कई तरह के सब्जियों से गुलजार रहता है। इस सीजन में प्राय: सभी सब्जियों के भाव निचले स्तर में होता है लेकिन बस्तर में इन दिनों इटली और फ्रांस जैसे विदेशी फूलगोभी लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। बाजार में 200 रुपये किलो में बिक रहे इस फूलगोभी को काफी पसंद भी किया जा रहा है। अब बस्तर के किसान भी नवाचार के तहत विदेशी सब्जियों को उगाने में रुचि ले रहे हैं। इसके साथ ही किसान खुशहाल भी हो रहे हैं।

बस्तर में पहली बार विदेशी प्रजाति की फूलगोभी ने बस्तर के बाजार में प्रवेश किया है। कोंडागाँव से प्रतिदिन एक क्विंटल हरे, पीले और बैगनी रंग के गोभी की शहर में खपत हो रही है। इसकी फसल लगभग तीन महीने के भीतर तैयार हो रही है जबकि सामान्य गोभी दो महीने में तैयार हो जाता है।

कोंडागाँव के सोनाबाल निवासी किसान भुवन वैध के मुताबिक वह पिछले तीन सालों से रंगीन गोभी की फसल लगा रहे हैं। इस वर्ष वह कैरोटीन अर्थात पीला फूलगोभी और वेलेंटीना अर्थात बैंगनी फूल गोभी लगाए है। इस वर्ष इस तरह के फूलगोभी को पहली बार जगदलपुर बाजार में लेकर आये हैं।

16वीं शताब्दी में इटली में पहला उत्पादन
इटली में फूलगोभी का उत्पादन 16वीं शताब्दी में शुरू किया गया। इसके बाद फ्रांस, ब्रिटेन फिर एशिया तक फैल गया। भारत में फूलगोभी पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तरप्रदेश, उड़ीसा, असम व हरियाणा में उगाई जाती है। वर्तमान में छत्तीसगढ़ के कई इलाके में इसकी फसल तैयार हो रही है। बस्तर में कोण्डागांव जिले के सोनाबाल में इसकी अल्पमात्रा में खेती की जा रही है।

प्रतिदिन 100 किलो की खपत
शहर में इन दिनों सड़क के किनारे बिक रहे रंगीन फूलगोभी की खपत प्रतिदिन 100 किलो की है। पहले पहले ग्राहक इसे देखने रुकते थे फिर इसके सेवन से फायदे जानकर अब इसकी बिक्री बढ़ने लगी है।ग्राहक इसे कैसे पसंद करते हैं। इस तरफ़ व्यापारियों और किसानों की निगाहें टिकी हैं। अब तक सफेद रंग का फूलगोभी ही पैदावार होती रही है। हरे फूलगोभी भी कुछ वर्षों से बाजार में उपलब्ध है। लेकिन अब बैंगनी और पीले फूलगोभी आ गए हैं।

पोषक तत्वों से भरपूर
विदेशी प्रजाति का यह गोभी भी सामान्य फूल गोभी की तरह है लेकिन यह कई पोषक तत्वों से भरपूर है। इसमें फाइटो केमिकल्स और एंटी ऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। यह बीमारी और बॉडी इंफेक्शन से लड़ने में सहायक होता है। इसमें कैल्शियम फॉस्फोरस मैग्नीशियम और जिंक हड्डियों को मजबूत बनाता है।

पहली बार 2 एकड़ में लगाई विदेशी गोभी
इस विदेशी प्रजाति के फूल गोभी का उत्पादन करने वाले किसान भुवन वैध ने बताया कि इस फूलगोभी को पहली बार बिलासपुर में देखा था। बाद में इसके बीज मंगवाए और खेत में लगा दिए। इस वर्ष लगभग 2 एकड़ में पीले और बैगनी फूलगोभी का फसल लगाया है जिसे वह बाजार में लाया है।

उद्यानिकी विभाग की ओर से पहल नहीं
जानकारी के मुताबिक बस्तर में इसके खेती के लिए अनुकूल वातावरण और मिट्टी की उर्वरता में कमी के चलते अभी तक इसकी खेती के लिए कोई पहल नहीं किया गया है। आने वाले दिनों में किसानों को इसकी खेती और फायदे के बारे में बताए जाने की संभावना है।

Hindi News / Jagdalpur / बस्तर के लोगों को लुभा रही ईटली-फ्रांस की नीली-पीली फूल गोभी, बढ़ती आय को देखकर किसान हो रहे प्रभावित

ट्रेंडिंग वीडियो