200 वर्ग किमी ने फैली है कांगेर वैली बस्तर जिले के दरभा घाटी में 200 वर्ग किमी में स्थित कांगेर वैली नेशनल पार्क में मौजूद जैव विविधता के कारण वर्ल्ड हैरिटेज बनाने का प्रस्ताव छत्तीसगढ़ जैव विविधता बोर्ड ने भेजा है। आईएफएस अधिकारी और कांगेर वैली की पूर्व डायेक्टर विजया रात्रे बताती हैं कि भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण और अन्य अनुसंधान संगठनों द्वारा किए गए सर्वेक्षण के अनुसार, राष्ट्रीय उद्यान में 553 फूलों की प्रजातियां हैं, जिनमें से 12 प्रजातियां छत्तीसगढ़ में नई हैं। (Jagdalpur Breaking News) 43 प्रजातियां दुर्लभ बताई जाती हैं। विदेशी पक्षियों के अलावा तेंदुआ, हिरण, चीतल, भालू, मगरमच्छ सहित कई विलुप्त श्रेणी के वन्य जीव भी पाए जाते हैं। उन्होंने बताया कि पार्क के दक्षिणी सीमा में सागौन तथा उत्तरी सीमा में नम साल के वृक्ष पाए जाते हैं। यह इकोटेन क्षेत्र पार्क की पहचान है।
इंद्रावती टाइगर रिजर्व नक्सलियों के हवाले बीजापुर जिले में स्थित इंद्रावती टाइगर रिजर्व पूरी तरह से नक्सलियों के कब्जे में है। कई बार नक्सलियो ने वन कर्मियों की पिटाई भी की है। इस कारण वन विभाग के अफसर एवं कर्मी बिना नक्सलियों की मर्जी के अंदर घूम भी नहीं सकते।( CG Jagdalpur News) इसी इलाके में छत्तीसगढ़ का राजकीय पशु वनभैंसा भी मिलता है। लेकिन वन विभाग की गतिविधियां लगभग शून्य होने के कारण न तो वन्य प्राणियों का संरक्षण ही हो पाता है। इंद्रावती टाइगर रिजर्व में भी जैव विविधता के भंडार मौजूद है।
एक नजर आमचो बस्तर पर – बस्तर में दो नेशनल पार्क, एक प्रोजेक्ट टाइगर। – बैलाडीला की पहाड़ियों में दो हजार वर्ष पुराने फर्न प्रजाति के पौधे आज भी मौजूद। – छत्तीसगढ़ का राजकीय पशु वनभैंसा तथा राजकीय पक्षी पहाड़ी मैना भी बस्तर में।
– राष्ट्रीय उद्यान में 553 फूलों की प्रजातियां हैं। – इनमें 12 प्रजातियां छत्तीसगढ़ में नई हैं। – पक्षियों की 200 से अधिक प्रजातियां जिनमें कुछ विदेशी भी। – स्तनधारी जीवों की 49 प्रजातियां, 16 सरीसृप और 84 प्रकार की तितलियां।