गौरतलब है कि नैना सिंह धाकड़ ने हिमाचल प्रदेश में भागीरथी 2 की चढ़ाई की। उन्हें यहां का प्रतिनिधित्व करने के लिए एसपी आरिफ शेख ने पुलिस का झंडा सौंपा था। आखिरकार अपनी कड़ी मेहनत के बलबूते उन्होंने भागीरथी 2 का लक्ष्य हासिल कर लिया।
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बछेंद्री पाल की टीम में भूटान ट्रैक में शामिल होने का मौका मिलानैना को बचपन से ही पर्वतारोहण को लेकर लगाव था। 2010 में कैंप के दौरान वे पहली बार हिमाचल प्रदेश गई। फिर 2011 में टाटा स्टील की ओर से उन्हें चयनित किया गयाण् उन्हें देश की पहली महिला पर्वतारोही बछेंद्री पाल की टीम में भूटान ट्रैक में शामिल होने का मौका मिला था। 12 महिलाओं के दल द्वारा किए गए पर्वतारोहण को लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी स्थान मिला था। 2012 में उन्हें टाटा स्टील जमशेदपुर ने पर्वतारोहण के बेसिक कोर्स के लिए दार्जिलिंग भेजा।
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सात साल पहले पहली बार मौकानैना सिंह धाकड़ को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एनएसएस की बस्तर विश्वविद्यालय की टीम के साथ 2010 में पर्वतारोहण के लिए जाने का मौका पहली बार मिला था। इसके बाद पर्वतारोहण में कुछ बड़ा करने का उन्होंने ठान लिया। उन्होंने हिमाचल प्रदेश, नेपाल, भूटान में पर्वतारोहण के लिए एडवांस प्रशिक्षण लिया। 2015 में उत्तराखंड में प्रशिक्षण लिया। नैना सिंह धाकड़ भागीरथी-2 फतह करने वाली बस्तर की पहली महिला हैं।