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इन व्यक्तियों को सबसे ज्यादा खतरा
टीबी, एचआईवी, एनिमिया पीडि़त, बीपी, शुगर के मरीजों के साथ-साथ बुजुर्ग व्यक्तियों,गर्भवतियों व बच्चों को सावधानी बरतने की जरूरत है।
सलाह- स्वास्थ्य विभाग ने सभी नागरिकों से अपील की है कि कोरोना गाइडलाइन का पालन करें, जो सभी बीमारियों से बचाएगी। मास्क पहने, अनावश्यक घरों से न निकलें, भीड़-भाड़ में जाने से बचें, नियमित हाथ धोएं।
फ्लू और स्वाइन फ्लू के बारे में वो सबकुछ जो आप जानना चाहते हैं
स्वाइन फ्लू- स्वाइन फ्लू के मरीज मौसम बदलने या फिर कम तापमान में रिपोर्ट होते हैं। जो इस वक्त है। यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे में खांसने, छींकने के जरिए यह वायरस तेजी से फैलता है। हालांकि कुछ सालों से कम मरीज मिलें हैं। मगर, खतरा है। सावधानी बरतना जरूरी है।
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लक्षण- सर्दी, जुखाम, खांसी, नाक बहना,बुखार के साथ सांस लेने में तकलीफ, सीने में दर्द, मांसपेशियों में दर्द, गले में खराश, नींद न आना, थकान लगना, सांस उखडऩा, गला सूखना, सिर दर्द।क्या करना है- मॉस्क का नियमित इस्तेमाल करें। सर्दी, जुखाम, खांसी होने पर तत्काल डॉक्टर को दिखाएं। दवा लें। खूब पानी पीएं। गर्म पानी पीएं। (- जैसा डॉ. आरके पंडा, विभागाध्यक्ष, टीबी एंड चेस्ट, आंबेडकर अस्पताल ने बताया)
लक्षण- सर्दी, खांसी, बुखार, सिरदर्द।
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कितने समय तक रहता है- मौसमी फ्लू का असर 3-4 दिनों तक रहता है।क्या करना है- साफ पानी पीएं। हाथों को धोते रहें। मुंह को ढंक कर रखे। इसके जरिए फ्लू को रोका जा सकता है। साथ ही घर के आस-पास पानी जमा न होने दें। टंकियों की सफाई करें। मच्छरों को पनपने न दें। इसके जरिए डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों से भी बचाव संभव होगा। (- जैसा डॉ. अविनाश चतुर्वेदी, टीबी एंड चेस्ट रोग विशेषज्ञ ने बताया)