Patwari Admit Card 2017 Download ऐसे करें पटवारी परीक्षा एडमिट कार्ड डाउनलोड, जानें पूरी प्रोसेस
जबलपुर का सुबह का फेवरेट नाश्ता पोहा जलेबी माना जाता है। दमोह नाका बड़ा फुहारा अधारताल गढ़ा और रांझी की कुछ एक होटल में तो केवल पोहा जलेबी के लिए ही चलती हैं। यहां का पोहा जलेबी खाना यानी दिन को हैप्पी बनाने जैसा है। जलेबी के लिए दमोह नाका में सबसे फेमस किशन होटल जिनके यहां जलेबी की खबर अंदाजा लगाया जा सकता है कि बनने के पहले लोग खाने वाले खड़े रहते हैं। यहां की इमरती भी फेमस है।
ये पेपर बना सकते हैं आपको पटवारी, पैटर्न और सिलेबस की नहीं आएगी समस्या
सुबह सादी जलेबी, शाम को खोवा और इमरती
अंकित अग्रवाल ने बताया कि सुबह 7 बजे होटल खुलती है, जिसमें पोहा के साथ मैदा की सादी जलेबियां ग्राहकों को दी जाती हैं। सुबह नाश्ता करने वालों की भीड़ इतनी होती है कि जलेबियां बनते ही खत्म हो जाती हैं। वहीं शाम को खोवा और इमरती बनाई जाती है। इसके लिए दोपहर 2 बजे से ही तैयारियां शुरू करनी पड़ती हैं, तब कहीं जाकर शाम 4 बजे खोवा की जलेबी और इमरती बनना शुरू होती है।
teen girl misdead बाथरूम में छिपे शोहदे ने बुरी नीयत से पकड़ा नाबालिग का हाथ, फिर हुआ ये
लोगों ने शुरू की एडवांस बुकिंग
अंकित अग्रवाल ने बताया कि होटल 40 साल पहले उनके पापा ने शुरू की थी। कुछ ही सालों में उनके हाथों की जलेबियां, खासकर इमरती व खोवा की जलेबी लोगों को खूब पसंद आने लगी। रोजाना जितनी भी जलेबी बनाई जाती हैं, वे तत्काल बिक जाती हैं। ऐसे में जलेबियों के शौकीनों ने शाम को बिना इंतजार किए जलेबी पाने के लिए एडवांस देना शुरू कर दिया। अब आधे से ज्यादा जलेबियों की सुबह ही एडवांस बुकिंग हो जाती है।
भाजपा महामंत्री का पुलिस ने तोड़ा हाथ, सीएम ने लगा दी एसपी की क्लास – जानें पूरा मामला
शुद्ध खोवा, विशेष कारीगर
अंकित ने बताया कि खोवा की जलेबी में शुद्ध एवं गुणवत्ता वाला खोवा उपयोग किया जाता है। इसके लिए हर दिन खोवा लाया जाता है। साथ ही खोवा की जलेबी बनाने के लिए विशेष हलवाई रखा गया है, जिसे पापा किशन अग्रवाल द्वारा अपना हुनर दिया गया है। ताकि ग्राहकों को किसी प्रकार की कोई शिकायत न रह जाए। वहीं स्वाद के लिए कुछ विशेष सामग्री भी डाली जाती है, जो केवल हमें पता है। इसी तरह इमरती के लिए उपयोग होने वाली दाल भी अच्छी क्वालिटी की होती है। जो रोज दोपहर को होटल में खुद ही पीसी जाती है।
whatsapp facebook twitter के लिए ये हैं सबसे अच्छी good morning images
नहीं बढ़ाई संख्या
होटल में जलेबियां, समोसा , कचौड़ी व आलूबड़ा ही बनाया जाता है। लोगों ने अन्य मिठाइयां बनाने कहा, लेकिन ग्राहकों की पसंद को देखते हुए 40 साल से आज तक होटल का स्वरूप और स्वाद दोनों नहीं बदला है।