जबलपुर। किसी ने सच कहा है कि प्यार अंधा होता है…। एक बार हो जाए तो फिर कहीं कुछ नहीं दिखता…। यह बात जबलपुर में चरितार्थ हुई। नए उम्र की एक महिला का दिल एक बुजुर्ग पर आ गया..। बातों और मुलाकातों का दौर शुरू हुआ, जो कई रास्तों से होते हुए शादी तक पहुंच गया। एक सरकारी विभाग में कार्यरत ये बुजुर्गवार अपनी दुल्हन को लाल जोड़े में सजाकर सोमवार को कलेक्ट्रेट भी पहुंच गए। जोड़ी को देखकर हर कोई भौचक्का रह गया..। आग की तरह फैली यह बात बुजुर्ग के बच्चों और नाती-पोतों तक पहुंच गई। पीछे-पीछे वे भी कलेक्ट्रेट पहुंच गए। घंटों तक आरोप-प्रत्यारोप, झड़प और गरमागरम बहस का दौर चला। इस बीच मौका पाकर बुजुर्गवार अपनी दुल्हन को लेकर कब रफूचक्कर हो गए किसी को पता भी नहीं चल पाया।
प्यार में बदला ये सिलसिला
जानकारों के अनुसार ग्वारीघाट पोलपाथर क्षेत्र निवासी दयाराम झारिया की पत्नी माया का करीब 8 साल पहले निधन हो गया। करीब एक साल पहले गांव की एक शादी में उनका परिचय, बरेला के मनेरी क्षेत्र में रहने वाली 32 वर्षीय पार्वती से हुआ। दोनों अक्सर मिलते और घंटों बातें करते रहते थे। बातों और मुलाकातों का दौर प्यार में बदल गया। दयाराम पर पार्वती का दिल भी कुछ ऐसा आया कि उसने बुजुर्गवार पर अपना सभी कुछ न्यौछावर कर दिया। फिर दोनों ने कोर्ट मैरिज करके नई जिंदगी शुरू करने का मन बनाया।
मैरिज कोर्ट में दिया आवेदन
जानकारों के अनुसार दयाराम झारिया ने पार्वती से विवाह रचाने के लिए सोमवार को एडीएम कोर्ट में आवेदन प्रस्तुत किया। जोड़ी कुछ अटपटी लगी, तो लोग उन्हें देखते ही रह गए। चर्चाओं का दौर सरगर्म हुआ और बात दयाराम के बेटों रवि व सतीश और बहू सुमनलता व किरन तक पहुंच गई। आनन-फानन में वे कलेक्ट्रेट पहुंच गए। पार्वती व दयाराम से उनकी जिरह शुरू हो गई। घंटों बहस का दौर चला।
पहुंचा लवर का देवर
बहस का दौर जारी ही था कि दयाराम की लवर पार्वती का देवर अनूप भी मौके पर पहुंच गया। आते ही उसने अपनी भाभी पार्वती पर अपशब्दों की बौछार कर दी। उसने बताया कि पार्वती का विवाह उसके भाई राकेश के साथ हुआ था। कुछ साल पहले राकेश का निधन हो गया। इसके बाद पार्वती यहां-वहां घूमती रहती थी। देवर ने तो यहां तक आरोप लगाया कि पार्वती इसी तरह भोले भाले लोगों को फंसाती है। उनसे शादी रचाकर पैसे ऐंठती है। हालांकि पार्वती ने इन आरोपों का खंडन किया। उसने कहा कि वह दयाराम को सचमुच चाहती है। इसलिए दोनों स्वेच्छा से विवाह कर रह रहे हैं।
यूं दर्ज करायी आपत्ति
दयाराम के बेटे रवि व सतीश ने तर्क दिया कि दयाराम के 17 व 18 साल की उम्र के दो नाती और पोते भी हैं। इस उम्र में उनका किसी से विवाह करना उचित नहीं है। इससे सामाजिक प्रतिष्ठा को भी आंच पहुंचेगी। एडीएम सुरभि गुप्ता ने उनकी आपत्ति को विचार के लिए स्वीकार कर लिया है और फैसले का सुरक्षित रखा है। रवि व उसके परिजनों का आरोप है कि संपत्ति की लालच में पार्वती यह सब कर रही है। इससे उनका घर तबाह हो जाएगा।
बदला पिता का मिजाज
परिजनों ने बताया कि मां के देहांत के बाद दयाराम पहले पूरे घर का खयाल रखते थे। सभी की देखभाल करते और घरेलू खर्च में सबसे अहम भूमिका निभाते थे। जबसे वे पार्वती के फेर में आए तब से उनका मिजाज ही बदल गया। वे न तो घर पर और नाती-पोतों पर ध्यान दे रहे हैं और न ही घर के किसी अच्छे कार्य में हाथ बंटा रहे हैं। उनका आरोप था कि पार्वती ने उन्हें अपने वश में कर लिया है। उन्हें इस महिला से दूर किया जाना चाहिए।
… और गायब हो गए दोनों प्रेमी
बुजुर्गवार और उनकी प्रेमिका के बीच विवाह के इस नजारे को देखने आसपास लोगों को हुजूम लग गया। आपस में गरमा गरम बहस और यहां तक कि प्रेमी जोड़े पर अपशब्दों की बौछार का दौर भी चलता रहा। इस बीच मौका पाकर दयाराम अपनी प्रेमिका को लेकर रफूचक्कर हो गए। अब परिजन उनकी खोज में निकल पड़े हैं।
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