कंपनी ने इन एयर बम की बॉडी को विकसित करने में सफलता हासिल की है। 50 से अधिक बम बॉडी की ढलाई की जा चुकी है। इसे फिनिश करना पड़ता है तभी इसमें बारूद की फिलिंग की जा सकती है। फाउंड्री को यह काम आयुध निर्माणी मुरादनगर या निजी फर्म के जरिए करवाना पड़ता है। इसमें खर्च आता है। उत्पाद की लागत बढ़ जाती है। इसलिए नई मशीनों को मंगाया गया है। अब यह काम इन हाउस हो सकेगा। बम बॉडी की आउटर फिनिशिंग के लिए दो और इंटरनल फिनिशिंग के लिए एक मशीन मंगाई गई है। यह आधुनिक ऑटोमैटिक मशीनें हैं। इनमें गुणवत्तापूर्ण उत्पाद तैयार किए जा सकते हैं।
यह भी पढ़ें- इस शहर में चोरों का आतंक : एक साथ 3 मकानों से लाखों का माल ले उड़े चोर
OFK में होती है बारूद की फिलिंग
बम बॉडी तैयार होने के बाद उसमें बारूद की फिलिंग की जाती है। यह काम आयुध निर्माणी खमरिया में किया जाता है। अब इसमें देरी नहीं होगी क्योंकि सारी प्रक्रिया फाउंड्री में पूरी होगी। इस बम की वायुसेना में बहुत मांग है। विध्वंसक बम का इस्तेमाल एयरक्राफ्ट से किया जाता है।
यह भी पढ़ें- DJ बजाने पर आपस में भिड़े दो पक्ष, देर रात जमकर चले लाठी-डंडे, तनाव के बाद भारी पुलिसबल तैनात
ये फायदा होगा
जीआरएफ के जनसंपर्क अधिकारी मनीष कुमार का कहना है कि, एयर बम 250 किग्रा की बॉडी की फिनिशिंग अभी तक बाहर से करवाना पड़ती है। इसमें खर्च के साथ समय लगता था। नई मशीनें मंगाई गई हैं, इनके जरिए बम बॉडी को रक्षा मानकों के अनुरूप आकार दिया जा सकेगा।
सिस्टम की लाचारी की तस्वीर ! देखें वीडियो