jabalpur :प्रदेश का इकलौता फॉरेस्ट ट्रेनिंग कॉलेज अब जबलपुर में संचालित होगा। इसे बालाघाट से यहां लाने की तैयारी है। कॉलेज में वन अधिकारी पढ़ाई करेंगे। प्रिंसिपल चीफ कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट मानव संसाधन को डायरेक्टर एसएफआरआइ द्वारा प्रस्ताव तैयार किया गया है, जिस पर सैद्धांतिक सहमति बन गई है। इसी साल से इसे संचालित किया जा सकता है।
दरअसल, वन अनुसंधान से जुड़े दो संस्थान जबलपुर में पहले से स्थापित हैं। इसके साथ ही जबलपुर और उसके आस-पास के वन परिस्थितिकी तंत्र और विविधता को देखते हुए फॉरेस्ट कॉलेज को यहां लाने का निर्णय लिया गया है। विभाग का तर्क है कि संसाधान, इंफ्रास्ट्रक्चर, कनेक्टीविटी एवं अन्य तकनीकी और शिक्षण सुविधाएं जबलपुर में उपलब्ध हैं। यह कॉलेज बालाघाट में संचालित किया जा रहा था। जिसे अब शिफ्ट किया जाना है। इसे राज्य वन अनुसंधान संस्थान परिक्षेत्र में खोला जाएगा और संचालन की जवाबदारी भी उसे दी जाएगी।
jabalpur : शुरू किए जाएंगे फॉरेस्ट्री से जुड़े रिफ्रेशर कोर्स
अधिकारियों की लगेगी क्लास: बताया गया है कि प्रदेश के साथ ही देश के कई अन्य राज्यों के वन सेवा के अधिकारियों को अध्ययन करने का मौका मिलेगा। मास्टर ऑफ फॉरेस्ट्री और फॉरेस्ट्री से जुड़े रिफ्रेशर कोर्स शुरू किए जाएंगे। देश में गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र, उड़ीसा, तमिलनाडु, उत्तराखंड और झारखंड में फारेस्ट्री से जुड़ी पढ़ाई कराई जाती है। अधिकारियों के लिए दो साल का फॉरेस्ट्री का कोर्स भी होगा। ताकि वे अपने काम में दक्षता ला सकें।
jabalpur : फॉरेस्ट्री से जुड़ी शिक्षा को लेकर फारेस्ट ट्रेनिंग कॉलेज को बालाघाट से जबलपुर लाया जा रहा है। वन सेवा के अधिकारियों को फॉरेस्ट्री की पढाई कराई जाएगी।
रविंद्रमणि त्रिपाठी, डिप्टी डायरेक्टर एसएफआरआई
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