scriptदिव्यांगों के अधिकारों की संरक्षा के लिए खुलेंगी विशेष अदालत | Special court will open for disables | Patrika News
जबलपुर

दिव्यांगों के अधिकारों की संरक्षा के लिए खुलेंगी विशेष अदालत

दिव्यांगों के अधिकारों की संरक्षा के लिए राज्य सरकार ने अहम कदम उठाया है। राज्य के विधि एवं विधायी कार्य विभाग ने प्रदेश की सभी जिला एवं सत्र न्यायालय

जबलपुरDec 15, 2017 / 01:38 am

praveen chaturvedi

दिव्यांगों के अधिकारों की संरक्षा के लिए खुलेंगी विशेष अदालत

court

जबलपुर। दिव्यांगों के अधिकारों की संरक्षा के लिए राज्य सरकार ने अहम कदम उठाया है। राज्य के विधि एवं विधायी कार्य विभाग ने प्रदेश की सभी जिला एवं सत्र न्यायालयों के अंतर्गत दिव्यांगों के लिए विशेष अदालत खोले जाने की अधिसूचना जारी की है। हर जिले में एक सत्र न्यायालय को केन्द्र सरकार द्वारा २०१६ में लागू दिव्यांगों के अधिकारों का संरक्षण अधिनियम के तहत विशेष अदालत का दर्जा दिया जाएगा। हाईकोर्ट ने भी इसके लिए आवश्यक प्रक्रिया आरंभ कर दी है।
राज्यसभा ने पारित किया था बिल
निर्योग्यता वाले व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम १९९५ को वर्तमान परिस्थितियों के अनुकूल न पाकर केंद्र सरकार ने इसमें संशोधन का निर्णय किया था। लोकसभा में पारित होने के बाद २०१६ में राज्यसभा से राइट ऑफ पर्सन्स विथ डिसेबिलिटीज एक्ट २०१६ पारित हुआ। इसके तहत दिव्यांगों के लिए पुनरीक्षित श्रेणियां बनाई गई हैं। केंद्र सरकार ने १९ अप्रैल २०१७ को अधिनियम लागू कर दिया है।
इन्हें माना जाएगा दिव्यांग
१९९५ के अघिनियम के तहत सात निर्योग्यताओं को शामिल किया गया था। इसका दायरा बढ़ाकर २०१६ के अधिनियम में २१ तरह की निर्योग्यताएं बेंचमार्क के रूप में शामिल की गई हैं। अधिनियम के तहत व्यवस्था की गई है कि नई निर्योग्यता चिह्नित होने पर उसे भी इस सूची में शामिल किया जाएगा।
बेंचमार्क में शामिल निर्योग्यताएं
अंधत्व, लो विजन, कुष्ठ रोग पीडि़त, श्रवण बाधित, लोकोमोटर निर्योग्यता, बौनापन, बौद्धिक निर्योग्यता, मानसिक रुग्णता, ऑस्टिम स्पेक्ट्रम बाधित, मांसपेशीय कुपोषण बाधित, जीर्ण न्यूरोलॉजिकल स्थिति, सीखने की निर्योग्यता, याद रखने की निर्योग्यता, मल्टीपल स्क्लेरोसिस, स्पीच एंड लैंग्वेज निर्योग्यता, थैलेसरीमिया पीडि़त, हीमोफीलिया पीडि़त, सिकल सेल रोगग्रस्त, बहु निर्योग्यता, एसिट अटैक का शिकार, पार्किंसन रोगग्रस्त।
दिव्यांगों के अधिकार
– सरकार द्वारा सम्मान के साथ जीवन जीने के अधिकार का संरक्षण
– हायर एजुकेशन में कम से कम ५ प्रतिशत, शासकीय नौकरियो में कम से कम ४ फीसदी आरक्षण
– बेंचमार्क वाले ६-१८ वर्ष के बच्चे को नि:शुल्क शिक्षा
– सरकारी अनुदान प्राप्त व मान्यता प्राप्त शैक्षणिक संस्थानों को देनी होगी शिक्षा
– हर सार्वजनिक भवन में निर्योग्य व्यक्ति की पहुंच का सुगम मार्ग होना आवश्यक
अधिकारों के हनन पर दंड
– जो भी उक्त अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करेगा, उसे छह माह तक की जेल और दस हजार रुपए तक जुर्माने की सजा।
– दूसरी बार उल्लंघन करने पर सजा दो साल और जुर्माना ५० हजार रुपए तक।
– जानबूझकर निर्योग्य व्यक्ति को चिढ़ाना, उसका अपमान करना या निर्योग्य बच्चे के यौन उत्पीडऩ पर ६ माह से ५ साल तक की जेल व जुर्माना।

Hindi News / Jabalpur / दिव्यांगों के अधिकारों की संरक्षा के लिए खुलेंगी विशेष अदालत

ट्रेंडिंग वीडियो