scriptसेटेलाइट से मिलेंगे संकेत, हो जाएगा सीमांकन | satellite signal,demarcation,manual and TSM machine | Patrika News
जबलपुर

सेटेलाइट से मिलेंगे संकेत, हो जाएगा सीमांकन

भूखंडों का होगा सीमांकन, जल्द निपटेंगे प्रकरण, प्रशासन कर रहा तैयारी, अभी मैनुअल और टीएसएम मशीन से काम
 

जबलपुरMar 08, 2020 / 12:11 pm

gyani rajak

सेटेलाइट से मिलेगा संकेत, हो जाएगा सीमांकन

सेटेलाइट से मिलेगा संकेत, हो जाएगा सीमांकन

जबलपुर. जमीन के सीमांकन में परंपरागत साधन और टोटल स्टेशन मशीन (टीएसएम) के साथ जल्द ही सीमांकन के काम में सेटेलाइट की सहायता ली जाएगी। इसमें सीओआरएस नेटवर्क का सहारा लिया जाएगा। इससे लंबित प्रकरणों का आसानी से निराकरण हो सकेगा। जिले में सीमांकन के आवेदनों की संख्या में इजाफा हो रहा है। मौजूदा समय में 800 से ज्यादा प्रकरण लंबित हैं। ऐसे में आम आदमी तहसीलों के चक्कर लगाता रहता है।

सीओआरएस नेटवर्क आधारित भूखंड सर्वेक्षण एक साथ पूरे प्रदेश में अपनाया जाएगा। अभी यह दूसरे राज्यों में उपयोग में लाया जा रहा है। कैबिनेट की बैठक में केंद्र सरकार के साथ एग्रीमेंट की बात प्रदेश शासन की ओर से कही गई है। इससे जिलों को भी अवगत कराया गया है। इस तकनीक का फायदा जिले के उन आवेदनकर्ताओं में को मिलेगा जो महीनों तक सीमांकन का इंतजार करते हैं। मौजूदा समय में जिले में 10 से 12 टीएसमए मशीन हैं। मैनुअल सीमांकन को आमतौर पर अब लोग पसंद नहीं करते। यही नहीं पटवारी भी समय पर इसे नहीं करते। ऐसे में प्रकरण लंबित रहते हैं।

सेटेलाइट से मिलेगा संकेत, हो जाएगा सीमांकन
यह है स्थिति

– जिले में तहसीलों की संख्या 10
– 11 से अधिक टीएमएम मशीन

– फरवरी तक 4299 प्रकरण दर्ज
– 3547 प्रकरणों का हुआ निराकरण

– 752 से अधिक प्रकरण लंबित
नई प्रणाली ऐसे करती है काम

जानकारों ने बताया कि सीओआरएस नेटवर्क में सर्वेक्षण करने वाला व्यक्ति मोबाइल नुमा मशीन अपने साथ रखता है। वह सीधे सेटेलाइट से कनेक्ट रहता है। व्यक्ति मशीन को सीमांकन वाले स्थान पर लेकर घूमता है। इस प्रक्रिया में बिन्दू बनाए जाते हैं। फिर पूरा डाटा एकत्रित होता है। इसके लिए भी सर्वेक्षण करने वाले व्यक्ति को कोई ज्यादा मशक्क त नहीं करना पडेग़ी। यह टीएसएम की अपेक्षाकृत सरल एवं कम समय में सीमांकन करने वाली प्रणाली होगी।
सेटेलाइट से मिलेगा संकेत, हो जाएगा सीमांकन

4 हजार से ज्यादा आवेदन
जिलें में फरवरी तक सीमांकन के 4 हजार 299 से ज्यादा आवेदन आए। यह आवेदन तहसीलदार, नायब तहसीलदार और अतिरिक्त तहसीलदारों की कोर्ट में लंबित है। बताया जाता है कि इनमें अभी 3 हजार 547 प्रकरण निराकृत हो सके हैं। जबकि 752 प्रकरण लंबित हैं।

सीमांकन के प्रकरणों की स्थिति

तहसील–कुल प्रकरण-लम्बित

अधारताल 12 05
रांझी 65 15

मझौली 194 09
गोरखपुर 105 39

जबलपुर 298 59
शहपुरा 196 49

पनागर 395 72
कुंडम 271 37

पाटन 129 05
सिहोरा 489 112

(नायब व अतिरिक्त तहसीलदार के आंकड़े शामिल नहीं)

सीमांकन का काम पारंपरिक पद्धति के अलावा टोटल स्टेशन मशीन से किया जाता है। सीओआरएसनेटवर्क आधारित भूखंड सर्वेक्षण से कार्य होना है, अभी इस संबंध में शासन से निर्देश आना शेष हैं।

डॉ. ललित ग्वालवंशी, अधीक्षक भू-अभिलेख

Hindi News / Jabalpur / सेटेलाइट से मिलेंगे संकेत, हो जाएगा सीमांकन

ट्रेंडिंग वीडियो