RPF : गलती न दोहराने की चेतावनी पर मिली राहत
यह है मामला – दरअसल, विगत सुनवाई के दौरान रेलवे मजिस्ट्रेट कोर्ट ने दोनों अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया था। उनसे पूछा गया है कि 2474 कालातीन प्रकरण अवैध तरीके से क्यों बंद कर दिए गए। मामले में रेलवे की ओर से वरिष्ठ लोक अभियोजक द्वारा दलील दी थी कि रेल अधिनियम-1989 के अंतर्गत पंजीबद्ध 2474 मामले बंद किए गए हैं।
RPF : मामले बंद करने का रवैया अवैध रीति
कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि इस तरह मामले बंद करने का रवैया प्रथमदृष्ट्या असद्भावपूर्ण व अवैध रीति का परिचायक है। इससे स्पष्ट है कि भारतीय न्याय संहिता की धारा-199 सहित अन्य के तहत अपराध हुआ है। यह तर्क सुनने के बाद रेलवे मजिस्ट्रेट कोर्ट ने व्यवस्था दी थी कि रेल सुरक्षा बल के वरिष्ठ अधिकारियों को सुने बिना आदेश पारित नहीं करेंगे।