जबलपुर . रिंग रोड के बीच में आने वाले 17 गांवों की भूमि का क्रय-विक्रय, बटांकन और डायवर्सन पर लगी रोक अभी तक नहीं हट सकी है। पंजीयन कार्यालय इन गांवों और उससे लगी भूमि के दस्तावेजों का पंजीयन नहीं कर रहा है। पंजीयन कार्यालय ने फिर से एनएचएआई को पत्र लिख उन खसरों की जानकारी मांगी है जो कि इस प्रोजेक्ट से प्रभावित हैं। भारत माला प्रोजेक्ट के तहत शहर के चारों तरफ 108 किमी लंबी रिंग रोड का निर्माण किया जा रहा है।
इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत शुरूआत में 82 गांव आ रहे थे। इन सभी गांवों की भूमि के क्रय-विक्रय पर कलेक्टर के आदेश के तहत रोक लगा दी गई थी। ऐसे में इन क्षेत्रों की जमीन की रजिस्ट्री का काम रुक गया था। बाद में पंजीयन विभाग ने शासन के राजस्व का हवाला देकर प्रोजेक्ट में प्रभावित होने वाले खसरों को छोड़कर बाकी भूमि की रजिस्ट्री की अनुमति देने की बात कही थी। प्रशासन ने इस पत्र के बाद इसमें राहत दी थी।
82 गांवों की निजी भूमियां प्रभावित इस प्रोजेक्ट में पनागर, जबलपुर, कुंडम, रांझी, पाटन और शहपुरा तहसील के अंतर्गत 82 गांवों की निजी भूमियां प्रभावित हो रही थीं। इस बीच 39 में से 17 गांवों ऐसे हैं जो कि रोड के दायरे में आ रहे हैं। हालांकि पूरे गांव की भूमि इससे प्रभावित नहीं हो रही थी। फिर भी पूरे क्षेत्रफल में क्रय-विक्रय के अलावा बटांकन और डायवर्सन पर रोक लगाई गई है।
मांगे गए भूमि के खसरे पंजीयन कार्यालय ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) से इन गांवों के उन खसरों की जानकारी मांगी है जो कि प्रोजेक्ट के दायरे में आ रहे हैं। लेकिन अभी तक इस पर काम नहीं हुआ है। ऐसे में संबंधित क्षेत्र के लोग भूमि की रजिस्ट्री के लिए आते हैं तो उन्हें रोका जा रहा है। अब जब तक संबंधित खसरे नहीं मिलते तो फिर यह रोक बरकरार रह सकती है। कार्यालय का का कहना है कि यदि प्रभावित खसरों की सूची मिल जाती है तो बाकी जगहों पर रजिस्ट्री संबंधी कार्यवाही की जा सकती है।
यह गांव हो रहे हैं प्रभावित रांझी तहसील- कटियाघाट, तिलहरी, परसवाड़ा। पनागर- खिरिया। जबलपुर तहसील- इंदा, कलगौड़ी, पिपरिया, जुनवानी, परतला, महगवां, रिछाई। कुंडम तहसील- लहुकरी, महगवां, किवलारी। ्शहपुरा तहसील-बिल्हा, भीटा, बिलखरवा।
पांच तहसीलों के अंतर्गत 17 गांवों से संबंधित भूमि की रजिस्ट्री का काम प्रभावित है। इन पर अभी रोक लगी है। एनएचएआई से वे खसरे मांगे गए हैं जो कि इस प्रोजेक्ट से प्रभावित हैं।
प्रभाकर चतुर्वेदी, परिक्षेत्रीय उप महानिरीक्षक पंजीयन जबलपुर पंजीयन कार्यालय को प्रभावित गांव एवं खसरों की सूची भेजी गई है । यदि इसमें कोई कमी है तो इसे दूर किया जाएगा ताकि रजिस्ट्री संबंधी कार्य पर किसी प्रकार का असर नहीं हो।