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कोर्ट ने सुनाई तीन अलग-अलग धाराओं के तहत सजा
बलात्कार के बाद की थी नृशंस हत्या
दोषी को आखिरी सांस तक कारावास
10-10 हजार जुर्माना भी लगाया
अभियोजन के अनुसार पांच अक्टूबर 2017 को कुंडम क्षेत्र शरद पूर्णिमा के अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित था। इस बीच सात वर्षीय बच्ची भाई के साथ कार्यक्रम देखने गई थी। रात लगभग 9.30 बजे जब वह वापस आने लगी, तो उसके पड़ोस में रहने वाले 25 वर्षीय सुशील दीक्षित ने उसे टॉफी का लालच देकर बुलाया। वह उसे पास के स्कूल के पीछे ले गया। वहां उसने बलात्कार किया। इस बीच बालिका बेहोश होग गई। सुशील ने बालिका का सिर दीवार से पटक दिया। इसके बाद पत्थर से उसके सिर पर प्रहार किए। इससे उसकी मौत हो गई।
घटना के बाद आरोपी सुशील दीक्षित ने कार्यक्रम स्थल पहुंचकर बताया कि स्कूल के पीछे झाडिय़ो में लाश पड़ी है। इसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की। जांच के दौरान आरोपी को पकडकऱ कड़ाई से पूछताछ की गई तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी कर रही अतिरिक्तजिला लोक अभियोजक अधिकारी स्मृतिलता बरकड़े ने दोषी के लिए फांसी की सजा की मांग की। कोर्ट ने इस घटना को जघन्य माना। दोषी को धारा 376 (2) (आई) में मरते दम तक उम्र कैद और 10 हजार रुपए अर्थदंड, धारा 376 (क) में मरते दम तक उम्र कैद और 10 हजार रुपए अर्थदंड और धारा 302 में उम्र कैद और 10 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है।