जबलपुर

16 मुखी गणेश प्रतिमा के पूजन को सुरंग से आती थीं रानी दुर्गावती

13 वीं शताब्दी का का ऐतिहासिक बादशाह हलवाई मन्दिर आस्था का है केन्द्र,गणेशोत्सव में लग रहा भक्तों का तांता

जबलपुरSep 20, 2023 / 12:36 pm

Rahul Mishra

बादशाह हलवाई मन्दिर

जबलपुर । संस्कारधानी में पोलीपाथर स्थित ऐतिहासिक बादशाह हलवाई मंदिर नगरवासियों के साथ ही पर्यटकों के लिए भी आस्था व कौतूहल का केंद्र है।यहां स्थापित 16 भुजाओं वाले भगवान गणेश की प्रतिमा 13 वीं शताब्दी की है । गणेश भगवान की अद्भुत और आकर्षक प्रतिमा रिद्धि-सिद्धि के साथ है। बताया जाता है कि मन्दिर में एक गुफा है,जिसके जरिये रानी दुर्गावती यहां दर्शन व पूजन करने आती थीं। मन्दिर का जीर्णोद्धार करवाने वाले हलवाई के नाम पर इसका नाम रखा गया है।


गोंडवानाकाल की है प्रतिमा-
इतिहासकार डॉ आनन्द सिंह राणा ने बताया कि इस मंदिर का निर्माण गोंड शासकों के समय का है। जिसके संगमरमर के स्तंभ में 27 नक्षत्र, नवग्रह और दिशाओं की मूर्तियां बनी हैं। इसके अलावा चारों युग के भगवान की मूर्तियां भी बनीं हैं। मंदिर के ऊपरी हिस्से में श्री यंत्र भी बना है।
पहले था वीरान-
मंदिर के पुजारी रामगोपाल दुबे बताते हैं कि जब वे चित्रकूट से पढ़ाई कर शहर पहुंचे तो मंदिर वीरान था और आसपास जंगल था। तब से वे यहां भगवान की सेवा कर रहे हैं।धीरे धीरे आसपास कॉलोनियां बन गईं। भगवान गणेश अपने भक्तों की मनोकामना पूरी करते हैं। यही कारण है कि प्राचीन प्रतिमा के दर्शन के लिए शहर के साथ-साथ दूर-दूर से श्रद्धालु यहां आते हैं।लोग विशेष रूप से भगवान के दरबार में धन प्राप्ति और संतान प्राप्ति के लिए प्रार्थना करते हैं।

गुफा है मौजूद-
मंदिर के पीछे के हिस्से में एक गुफा है। जिसका द्वार अभी भी खुला है। इस गुफा में जीव-जंतु होने के कारण कुछ सीढ़ी उतरने के बाद आगे बढ़ना असम्भव है। बताया जाता है कि रानी दुर्गावती मदनमहल किला से गुफा के द्वारा इस मंदिर में पूजन करने आती थीं। गुफा का एक द्वार राजाघाट (ललपुर) में खुलता था। जहां रानी नर्मदा स्नान करतीं थीं।


कैसे पहुंचें-
गणेशोत्सव के दौरान और सितंबर से मार्च तक इस मंदिर में जाने का सबसे अच्छा समय है। मंदिर के दर्शन का समय सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक है। जबलपुर में रेलवे का जंक्शन है, जो बहुत सारे भारतीय कस्बों और शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। रेलवे स्टेशन से मंदिर तक पहुंचने के लिए मेट्रो बस, ऑटो रिक्शा व टैक्सी उपलब्ध हैं।

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