Private medical college भी होगा EWS quota, सीट बढ़ाने का हाईकोर्ट का आदेश
अगले शैक्षणिक सत्र से प्रदेश के निजी मेडिकल कॉलेजों में सीटों की संख्या बढ़ाई जाए, ताकि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए आरक्षण की व्यवस्था की जा सके।
Private medical college : प्रदेश में अब निजी मेडिकल कॉलेजों में भी आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए कोटा होगा। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत व न्यायाधीश विवेक जैन की युगलपीठ ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि अगले शैक्षणिक सत्र से प्रदेश के निजी मेडिकल कॉलेजों में सीटों की संख्या बढ़ाई जाए, ताकि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए आरक्षण की व्यवस्था की जा सके।
Private medical college अगले सत्र से बढ़ेंगी सीटें- सरकार को आदेश-एक साल में पूरी करे प्रक्रिया
युगलपीठ ने इस प्रक्रिया को पूरी करने के लिए सरकार को एक वर्ष का समय दिया है। यह महत्वपूर्ण आदेश जबलपुर निवासी छात्र अथर्व चतुर्वेदी की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया गया। याचिकाकर्ता ने बताया कि उसने ईडब्ल्यूएस वर्ग से नीट परीक्षा में 530 अंक प्राप्त किए थेए लेकिन उसे निजी मेडिकल कॉलेज में सीट नहीं मिली। याचिका में आरोप लगाया गया कि कम अंक प्राप्त करने वाले एनआरआई और अन्य कोटे के छात्रों को प्राथमिकता दी गईए जबकि ईडब्ल्यूएस वर्ग के लिए कोई सीट आरक्षित नहीं थी।
Private medical college सरकार का सीटों का बहाना
छात्र ने राज्य सरकार के 2024.25 सत्र के प्रवेश नियमों को चुनौती दी, जिसमें निजी मेडिकल कॉलेजों में ईडब्ल्यूएस आरक्षण का प्रावधान नहीं किया गया था। उसने यह भी बताया कि केंद्र सरकार ने 2019 में ईडब्ल्यूएस आरक्षण के लिए अधिसूचना जारी कर दी थी, लेकिन मध्य प्रदेश सरकार ने इसे लागू नहीं किया।
Private medical college नियमों में बदलाव संभव नहीं
राज्य सरकार ने अपनी दलील में कहा कि नीट परीक्षा के नियम पहले से तय थे और प्रवेश प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। इसलिए नियमों में बदलाव संभव नहीं है। साथ ही, नेशनल मेडिकल कमीशन से निजी कॉलेजों में सीटें बढ़ाने का कोई निर्देश नहीं था। जिसके बाद हाई कोर्ट ने सरकार को निर्देशित किया कि वह अगले सत्र से सीटें बढ़ाने और ईडब्ल्यूएस आरक्षण लागू करने की प्रक्रिया सुनिश्चित करे।
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