ब्लैकमेल करने की कोशिश नाकाम
एक व्यक्ति ने प्रशासन पर दबाव बनाते हुए ब्लैकमेल करने के उद्देश्य से बालकनी पर खड़े होकर छोटे बच्चे के साथ आत्महत्या करने की कोशिश भी की, लेकिन उसकी प्रशासन व पुलिस के आगे एक न चली। उसे पुलिस वालों ने उतार लिया। आत्महत्या के प्रयास को विफल करते हुए पुलिस सभी कब्जेधारियों को स्वयं खाली करने की अपील कर रही है। हंगामे बीच मकानों को खाली कराने का काम जारी है।
लेमा गार्डन में राजीव गांधी आवास योजना के तहत बने मकानों पर अवैध कब्जा हटाने का काम किया जा रहा है। तकरीबन 434 मकान है जिन्हें इस कार्रवाई के तहत खाली कराया जा रहा है। सभी मकानों को खाली करवाने के बाद नए सिरे से पात्र लोगों को इनका आवंटन किया जाएगा। इस परियोजना में नगर निगम का तकरीबन 16 करोड़ रुपए लगा है और अभी तक कोई राशि यहां रहने वाले लोगों से प्राप्त नहीं हुई है। इस कारण नगर निगम के दूसरे प्रोजेक्ट भी प्रभावित हो रहे हैं। न्यायालय के निर्देश पर यह कार्रवाई चल रही है।
– डॉ इलैयाराजा टी. कलेक्टर
ये है मामला
हाईकोर्ट ने 15 मार्च को मामले की सुनवाई करते हुए कलेक्टर जबलपुर से पूछा कि लेमा गार्डन में प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत गरीबों के लिए बनाए आवासों पर अवैध कब्जे अब तक क्यों नहीं हटाए गए? कोर्ट ने कलेक्टर को शो कॉज नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा। रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए एक सप्ताह की मोहलत दे दी। चीफ जस्टिस रवि मलिमठ व जस्टिस पीके कौरव की डिवीजन बेंच ने अगली सुनवाई 22 मार्च तय की।
पूर्व पार्षद मुरली दुबे की ओर से याचिका दायर की गई। अधिवक्ता नितेश द्विवेदी ने कोर्ट को अवगत कराया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत नगर निगम के निगरानी में 434 मकानों का निर्माण किया गया था। इनके आवंटन के लिए नगर निगम को 1160 आवेदन प्राप्त प्राप्त हुए। क्षेत्रीय पार्षद ताहिर अली ने इन आवासों में अपने लोगों को कब्जा करवा दिया। मकान वास्तविक हितग्राहियों को आवंटित किए जाएं। 26 मार्च 2021 को कोर्ट ने कलेक्टर को ये कब्जे हटाकर रिपोर्ट पेश करने को कहा था, लेकिन इसका पालन नहीं किया गया।