Pesticide : फसलों को कीट और कचरे से बचने के लिए किसान खरपतवार नाशक दवा का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन कई बार यही खरपतवार नाशक दवा नकली होने पर उनकी पूरी फसल बर्बाद हो जाती है। ऐसा ही एक मामला सिहोरा विकासखंड के खहरिया गांव में सामने आया है। जहां किसान ने करीब 46 एकड़ में लगी गेहूं की फसल में लगे कचरे को खत्म करने के लिए नींदानाशक दवा जैसे ही डाली फसल खराब हो गई।
ग्राम खहरिया के किसान गोपाल पटेल ने बताया उन्होंने करीब 46 एकड़ में गेहूं की फसल बोई थी। उसमें खरपतवार होने पर जबलपुर स्थित उर्वरक विक्रेता से संपर्क किया। उर्वरक विक्रेता ने उन्हें 52 हजार रुपए की कीटनाशक दी। उसके द्वारा बताई गई विधि के अनुसार उन्होंने अपने खेत में दवा डाली। दवाई डालने के दूसरे दिन ही खेत में लगी गेहूं की फसल पीली होकर सूखने लगी। उन्होंने इसकी जानकारी संबंधित उर्वरक विके्रता को दी। उर्वरक विके्रता ने अपने दो कर्मचारियों को गांव भेजा। करीब 70 फीसद गेहूं की फसल को नुकसान हो गया।
Pesticide : जांच होगी
फसल के खराब होने पर किसान ने मामले की शिकायत उप संचालक कृषि से की। मामले की गंभीरता को देखते हुए उपसंचालक ने जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के वरिष्ठ वैज्ञानिकों को फसल का निरीक्षण करने और उसकी जांच प्रतिवेदन तीन दिवस के अंदर देने पत्र लिखा है।
Pesticide : किसान को लाखों रुपए का नुकसान
किसान ने बताया कि उसने करीब 46 एकड़ खेत में गेंहू की बोवनी और डीएपी यूरिया डाली थी। निदा नाशक दवा डालने से उसे लाखों रुपए का नुकसान हो गया। आखिरकार किसान ने उपसंचालक कृषि को मामले की लिखित शिकायत की। शिकायत मिलने के बाद उप संचालक ने आदेश जारी करते हुए जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों को फसल का निरीक्षण और अवलोकन कर वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी सिहोरा जेएस राठौर से समन्वयकर तीन दिवस में जांच प्रतिवेदन देने के निर्देश दिए हैं।
Pesticide : विशेषज्ञ बोले
उपसंचालक कृषि के निर्देश पर कृषि वैज्ञानिकों का दल मौके पर पहुंचकर फसल का निरीक्षण करेगा। साथ ही खेत में डाली गई निदा नाशक दवा का सैंपल लेकर उसकी जांच की जाएगी।
जेएस राठौर, वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी
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