जबलपुर. समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी की तिथि 25 जून करने का फायदा नहीं हो रहा। खरीदी केंद्रों में किसानों ने आना बंद कर दिया है। 10 जून के बाद एक दाना भी नहीं आया। ऐसे में केंद्र पर तैनात स्टाफ खाली बैठा रहता है। अभी तक केवल एक लाख 70 हजार मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया है। बड़ा हिस्सा मंडी में बेचा गया या फिर व्यापारियों ने सीधे खेतों से खरीद लिया।
शासन ने 25 जून तक बढ़ाई है गेहूं खरीदी की तिथि जिले में समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी अप्रेल में शुरू हुई थी। शुरुआत से खरीदी केंद्रों में गेहूं की आवक कम थी। यह पिछले वर्षों के मुकाबले यह बेहद कम है। कई खरीदी केंद्रों में 20 से 25 प्रतिशत गेहूं आया। अभी आखिरी तिथि 31 मई थी, इसे फिर बढ़ा दिया है। लेकिन, किसान उपज लेकर नहीं आ रहे।
ज्यादातर किसानों ने उपज बेच दी है। उनके पास केवल अपने उपयोग या बीज के लिए गेहूं बचा है। ऐसे में खरीदी केंद्र का संचालन करने वाला अमला भी मानकर बैठा है कि उपज नहीं आएगी। केंद्र खुल रहे हैं। स्टाफ टकटकी लगाए रहते हैं कि कोई गेहूं लेकर पहुचे। लेकिन, सुबह से शाम हो जाती है, एक भी किसान केंद्रों पर नहीं आता।
दूसरी फसलों की तैयारी किसानों ने अब आगामी फसल की तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसमें धान प्रमुख है। उसके लिए खेतों को तैयार किया जा रहा है। कुछ किसानों ने बोरवेल के पानी का इस्तेमाल करते हुए धान का रोपा लगाना शुरू कर दिया है। मूंग और उड़द के साथ अरहर की बोवनी की तैयारियां शुरू हो गई हैं।
इनका कहना है खरीदी केंद्रों में अब गेहूं नहीं आ रहा। रिपोर्ट के मुताबिक 10 जून को 98 क्विंटल गेहूं अलग-अलग खरीदी केंद्रों से आया था। उसके बाद कोई रिकॉर्ड दर्ज नहीं किया गया है। हालांकि, किसानों के पास 25 जून तक का अवसर है।