ज्योतिषाचार्य डॉ, सत्येन्द्र स्वरूप के अनुसार प्रतिपदा तिथि 17 मार्च शाम से ही शुरू हो जाएगी, जो कि 18 मार्च शाम तक रहेगी। इसके साथ ही इस बार घट स्थापना, कलश स्थापना व जवारा बोने के शुभ मुहूर्त दोपहर तक ही श्रेष्ठ हैं। शाम को ऐसे कोई योग नहीं हैं। विशेष योग व संयोग के साथ शुरू होने वाले चैत्र नवरात्र में इस बार मां भवानी अश्व पर विराजमान होकर भक्तों के घर आएंगी। इन नवरात्र में नि:स्वार्थ भाव से की गई माता की सेवा परमसुखदायी एवं मनोकामना पूर्ति करने वाली सिद्ध होगी।
इसलिए जरूरी है मुहूर्त
पावन पर्व नवरात्रों में दुर्गा मां के नव रूपों की पूजा नौ दिनों तक चलती है। नवरात्र के आरंभ में प्रतिपदा तिथि को उत्तम मुहूर्त में कलश या घट की स्थापना की जाती है। कलश को भगवान गणेश का रूप माना जाता है जोकि किसी भी पूजा में सबसे पहले पूजनीय है। इसलिए सर्वप्रथम घट रूप में गणेश जी को बैठाया जाता है।
घटस्थापना शुभ मुहूर्त-
सुबह 08:30 से 08:30
सुबह 08:30 से 11:00
अविजित मुहूर्त 11:41 से 12:29
(इस साल शाम को घाट स्थापना मुहूर्त नहीं है)
प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ- 17 मार्च 2018 को शाम 06:12 बजे
प्रतिपदा तिथि समाप्त- 18 मार्च 2018 को 06:13 बजे
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ज्योतिषाचार्य सचिनदेव महाराज ने बताया कि नौ दिनों तक देवी आराधना के सबसे अच्छे योग हैं। तिथियों को लेकर इस बार भ्रम की स्थिति नहीं है। नवमीं तिथि का क्षय हो रहा है, जिससे आठवें दिन यानि की अष्टमी को ही रामनवमीं भी मनाई जाएगी। हालांकि जवारा विसर्जन और देवी दिवालों में दिनों के अनुसार पूजन होता है, इसलिए वे पूरे नौ दिनों में ही जवारा विसर्जन करेंगे।
ऐसी रहेंगी चैत्र नवरात्र की तिथियां
प्रतिपदा तिथि 18 मार्च 2018, रविवार
द्वितीया तिथि 19 मार्च 2018, सोमवार
तृतीया तिथि 20 मार्च 2018, मंगलवार
चतुर्थी तिथि 21 मार्च 2018, बुधवार
पंचमी तिथि 22 मार्च 2018, गुरुवार
षष्ठी तिथि 23 मार्च 2018, शुक्रवार
सप्तमी तिथि 24 मार्च 2018, शनिवार
अष्टमी नवमी तिथि 25 मार्च 2018, रविवार