यह है नियम
पैकेजिंग प्लास्टिक बनाने वाले उत्पादकों को एक जुलाई 2022 से दो विकल्प दिए गए हैं। पहला वे अपने उत्पाद को उपभोक्ता से वापस जमा करें या फिर किसी मान्यता प्राप्त रिसाइकिलर के जरिए उस कचरे को वापस एकत्र कर उसका विनिष्टीकरण करवाएं। प्लास्टिक उत्पादक एक्सटेडेड प्रोडयूशन रिस्पांसबिल्टी (ईपीआर) के माध्यम से सालाना उत्पादित प्लास्टिक कचरे को संग्रह करवाने के विकल्प को बेहतर मान रहे हैं। जबलपुर में छोटे-बड़े 19 प्लास्टिक सामग्री के निर्माताओं ने ईपीआर के तहत इंदौर के रिसाइकिलर के साथ करार किया है। जिसमें उद्योग से जितना प्लास्टिक उत्पाद बाजार में जाएगा उतनी मात्रा में रिसाइकिलर उसे स्थानीय स्तर पर जुटाकर प्रमाण-पत्र जारी करेगा। मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड रिसाइकिलर के प्रमाण-पत्र के आधार पर सुनिश्चित करेगा कि प्लास्टिक कचरा विनष्टीकरण किया गया। इधर, रिसाइकिलर को भी निर्धारित मात्रा में खपाए प्लास्टिक के कचरे के उपयोग से जुड़ी जानकारी प्रदूषण बोर्ड को देनी होगी।
प्लास्टिक एक ऐसा उत्पाद जो रिसाइकिल हो सकता है। उसे गलाकर दोबारा उपयोग की सामग्री तैयार की जाएगी, लेकिन कई उत्पाद ऐसे होते हैं, जिनका दोबारा उपयोग नहीं हो सकता है, उस प्लास्टिक को कोयले की तरह ज्वलनशील पदार्थ के रूप में प्रयोग किया जाएगा। कुछ प्लास्टिक का उपयोग सड़क निर्माण में किया जाएगा।
अब होगा यह नियम
मप्र प्रदूषण बोर्ड के क्षेत्रीय जिम्मेदारों के मुताबिक प्लास्टिक उत्पादकों को अपने उत्पाद निर्माण के दौरान ही एक नंबर देना होगा ताकि, उपभोक्ता यदि उपयोग के बाद वापस करना चाहे तो उस नंबर पर संपर्क कर सके। इसके अलावा ईपीआर के जरिए रिसाइकिलर को यह जिम्मेदारी दी जा सकती है।
सालाना 500 टन का कचरा
जबलपुर में सालाना 500 टन प्लास्टिक कचरा निकलता है। इसका निस्तारण करने के लिए एक जुलाई से बोर्ड ने सभी उत्पादकों पर यह नियम लागू किया था। बोर्ड के निर्देश पर सभी प्लास्टिक उत्पाद निर्माताओं ने ईपीआर के तहत कचरा प्रबंधन की कार्रवाई की गई है।