जबलपुर के हाईकोर्ट (jabalpur high court) के न्याय मूर्ति संजय दिव्वेदी (sanjay dwivedi) ने पाया कि यदि किसी भी प्रकार की विकलांगता वाला कोई उपयुक्त व्यक्ति नहीं है तो इसे अनारक्षित वर्ग के योग्य उम्मीदवारों को दिया जाना चाहिए। कोर्ट के मुताबिक चूंकि प्रावधान में करेगा शब्द का उपयोग करने से स्पष्ट है कि रिक्ती को विकलांग के अलावा किसी अन्य को नियुक्त करके भरना अनिवार्य है और इस प्रकार प्रतिवादी-नियोक्ता रिक्ती को भरने के लिए बाध्य है।