बढ़ेगी प्रॉपर्टी की कीमत
डीपीआर में मिक्स लैंड यूज के जरिए हाईराइज इमारतें (Highrise buildings) बनाई जाएंगी। बाजार और सरकारी दफ्तरों के लिए विशेष क्षेत्र विकसित होंगे। इन क्षेत्रों में एफएआर की दरें निर्धारित होंगी। मेट्रो के जिन रूट्स पर विकास होगा, वहां एरिया डेवलपमेंट के लिए फंड की व्यवस्था करना होगा।
अभी यहां हैं टीओडी
दिल्ली, नोएडा और देश के बड़े महानगरों में टीओडी मॉडल विकसित किए गए हैं। इनसे आम नागरिकों को सोशल सिक्योरिटी और बेहतर कनेक्टिविटी देने की कोशिश की जा रही है।
12 बिंदु की गाइडलाइन
खमरिया से ग्वारीघाट और बरेला से भेड़ाघाट के बीच प्रस्तावित इलाकों में सर्वे होगा। शहरी विकास मंत्रालय की ओर से तैयार 12 बिंदु वाली गाइडलाइन के आधार पर यह काम होगा।
प्रदेश में इंदौर और भोपाल से इस तरह अलग होगी हमारी मेट्रो-
इंदौर की आबादी-28.67 लाख
इंदौर मेट्रो की दूरी-31 किमी
लाागत-7500 करोड़ रुपए
मॉडल-भूमिगत मेट्रो ट्रेन
ट्रेन-3 बोगी
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भोपाल की आबादी-21.86 लाख
भोपाल मेट्रो की दूरी-28 किमी
लागत-6941 करोड़ रुपए
मॉडल-भूमिगत व पिलर
ट्रेन-3 बोगी
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जबलपुर के लिए प्रस्तावित रूट-
दो कॉरीडोर प्रस्तावित-30 से 35 स्टेशन
डुमना से ग्वारीघाट-दूरी 36 किमी वाया खमरिया, वीकल, कंचनपुर, आधारताल, गोहलपुर, आईएसबीटी, संजीवनी नगर, मदन महल, गोरखपुर, बंदरिया तिराहा, ग्वारीघाट।
बरेला से भेड़ाघाट-दूरी 32 किमी-वाया बिलहरी, पेंटीनाका, रेलवे स्टेशन, ब्लूम चौक, मदन महल, मेडिकल, सगड़ा, लम्हेटा, भेड़ाघाट।
मॉडल-पिलर
ट्रेन-दो बोगी वाली लाइट मेट्रो
यात्री क्षमता-400
अनुमानित लागत-6000 करोड़ रुपएये होगा लाभ
शहर में वाहनों की संख्या-8.10 लाख
हर वर्ष वाहनों की वृद्धि-8 प्रतिशत
आबादी -18 लाख
आबादी में वृद्धि की दर-2.56 प्रतिशत वार्षिक
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ये सुविधाएं होंगी
मेट्रो स्टेशन पर मेट्रो रेल-बीआरटीएस, प्राइवेट कैब, ऑटो एक स्थान पर मिलेंगे
फस्र्ट एंड लास्ट कनेक्टिविटी-सभी यातायात साधनों को घर, दुकान या संस्थान से मेट्रो स्टेशन तक कनेक्टिविटी देने के चुनिंदा रास्ते होंगे
मिक्स लैंड यूज-बस, रेल स्टॉपेज, घर, बाजार और दफ्तर होने से सामाजिक सुरक्षा बढ़ेगी। ये स्थान कभी सूने नहीं होंगे।
लैंड वैल्यू कैप्चर-जमीन का पूरा उपयोग होगा, जिससे लोगों को प्रोजेक्ट एरिया के आसपास सभी सुविधाएं मिलें
हाउसिंग डायवर्सिटी- इन क्षेत्रों में हर वर्ग को सहवासी सुविधा दी जाएगी। इसके लिए हाईराइज, ड्यूप्लेक्स, अफॉर्डेबल बिल्डिंग प्रोजेक्ट तैयार करने के लिए हाउसिंग डायवर्सिटी एरिया तय किए जाएंगे।
शहर में दो बोगी वाली लाइट मेट्रो के संचालन की तैयारी
शहर की भौगोलिक स्थिति इंदौर और भोपाल की तुलना में अधिक जटिल है। पहाड़ी क्षेत्र होने से यहां भूमिगत मेट्रो रूट बनाना अधिक महंगा होगा। जबकि, पिलर मॉडल में निर्माण लागत काफी कम होगी। मेट्रो लाइट रेल ट्रांजिट सिस्टम (एलआरटीएम) पर कार्य करेगी। इसमें दो बोगियां लगेंगी। दो बोगियों में एक बार में 400 यात्री सफर कर सकेंगे।
पिलर मॉडल में इतनी जमीन लगेगी
प्रत्येक पिलर की चौड़ाई दो मीटर होगी। इसकी बुनियाद के लिए करीब छह मीटर जगह चाहिए। प्रत्येक पिलर के बीच 27 मीटर की दूरी प्रस्तावित है। जबलपुर रेल प्रोजेक्ट का क्रियान्वयन मध्य प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन करेगा। यह भारत सरकार और प्रदेश सरकार की 50-50 प्रतिशत हिस्सेदारी वाली ज्वाइंट वेंचर कम्पनी है।
जारी करेंगे सप्लीमेंट्री बजट-भनोत
प्रदेश के वित्तमंत्री तरुण भनोत ने कहा कि मुख्यमंत्री की ओर से शहर को मेट्रो की सौगात देने के बाद इसके लिए सप्लीमेंट्री बजट में प्रावधान किए जाएंगे। इसके बाद सर्वे होगा। वर्ष 2041 की जनसंख्या के दृष्टिगत डीपीआर तैयार कराई जाएगी। जबलपुर में पर्यटन सहित अन्य प्रमुख स्थलों व लोगों की सुविधाओं को ध्यान में रखकर ही प्रोजेक्ट तैयार किया जाएगा। मेट्रो रेल जबलपुर की लाइफ लाइन बनेगी। परियोजना में धन की कमी आड़े नहीं आएगी।
…वर्जन…
जबलपुर व ग्वालियर में मेट्रो ट्रेन को लेकर फिजिबिलिटी सर्वे 2017 में कराया जा चुका है। मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के माध्यम से इसका परीक्षण कराया जाएगा। शहर की प्रमुख सडक़ों पर ट्रैफिक दबाव का आकलन कर नए सिरे से रूट आदि तय किए जाएंगे। रूट में एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, मेडिकल और शहर के प्रमुख पयर्टन स्थल के साथ शहर विस्तार की सम्भावनाओं को देखते हुए डीपीआर के लिए टेंडर आमंत्रित किए जाएंगे।
संजय दुबे, पीएस, नगरीय प्रशासन विभाग