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चुनाव नहीं, नाव अपनाने की आवश्यकता
आचार्यश्री विद्यासागर के मंगल प्रवचन
उल्लेखनीय है कि इसके पूर्व पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, भाजपा अध्यक्ष राकेश सिंह आचार्य श्री के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए दयोदय तीर्थ पहुंचे थे। तब आचार्य श्री ने उन्हें सबके सामने दो टूक कहा था कि पिछलग्गू न बनें, देश हित में कार्य करें। जिसके बाद मौजूद लोग एक दूसरे का चेहरा देखते रह गए थे।
उन्होंने अपने प्रवचनों में कहा, निज नाभि में गंध है, मृग भटके बिन ज्ञान…। इसी तर्ज पर संसार में कई चीजें ऐसी हैं, जिनका ज्ञान न होने से हम भटक रहे हैं। आचार्यश्री ने कहा कि आप अनेक वस्त्र रखें, कोई बाधा नहीं पर चुनाव की प्रक्रिया न रखें। क्योंकि जो अनुकूलता व प्रतिकूलता है, उसका कोई ठिकाना नहीं है। सर्दी-गर्मी या मर्यादा को कायम रखना है, इसलिए वस्त्र का विकल्प रखें, पर उसमें चुनाव का विकल्प न हो। मंगल प्रवचन में अमित पड़रिया ने संचालन किया। मल्ल कुमार जैन, सतीश जैन, गीतेश जैन, नितिन बेंटिया, अंकुश जैन भूरे उपस्थित थे।
संदेश देते हुए निकली रजत पालकी यात्रा
मूल नायक भगवान आदिनाथ के जन्म कल्याणक के अवसर पर शुक्रवार को संस्कारधानी के जिनालय और सडक़ों पर भक्ति भाव दिखा। दिव्य घोष, धर्म ध्वजा और तीर्थंकरों के उपदेश, संदेश के बीच काफी संख्या में श्रावकों ने भगवान आदिनाथ की मनमोहक रजत पालकी और झांकियों के साथ शोभायात्रा निकाली। जगह-जगह श्रावकों ने आरती कर प्रार्थना की।
भगवान आदिनाथ जयंती समारोह समिति के तत्वावधान में भगवान आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर दरहाई से शोभायात्रा निकाली गई। साठियां कुआं, फूटाताल, सराफा चौक, कमानिया गेट, अंधेरदेव, तुलाराम चौक, गंजीपुरा चौक, घमंडी चौक, पुरानी चरहाई, खोआमंडी, कमानिया गेट, कोतवाली होते हुए शोभायात्रा मंदिर पहुंची।