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इसके बाद 2014 और 2015 में दो और शिकायतें मिली, लेकिन जांच के नाम पर अब तक लटकाए रखा गया था। जानकारी के अनुसार 65 वर्षीय सुरेश उपाध्याय ने सदर स्थित प्रेम बुक डिपो के ऊपर अपना कार्यालय बना रखा है। इस कार्यालय से विभिन्न बैंकों के खाते सम्बंधी जानकारी, प्लॉट व जमीन सम्बंधी रजिस्ट्री की दस्तावेज मिले हैं। उसके घर में इटैलियन टाइल्स लगे हैं। घर में सभी लग्जरी आइटम मौजूद हैं। इओडब्ल्यू ने सुरेश उपाध्याय और उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर संचालित बैंक खातों को सीज करने के लिए शाखा प्रबंधकों को पत्र भेजा है। इनके खातों में जमा रकम के बारे में भी जानकारी मांगी है। उपाध्याय की बेटी भोपाल में ब्याही गयी है। वहां भी प्लॉट व बैंक खाते होने की जानकारी मिली है।
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36 साल की नौकरी के दौरान कमाई अकूत सम्पत्ति
रिटायर्ड एसडीओ उपाध्याय ने पीएचई की नौकरी में रहते अकूत सम्पत्ति बनायी है। इओडब्ल्यू पिछले छह महीने से सम्पत्तियों का ब्यौरा जुटाने में लगी थी। पुख्ता प्रमाण मिलने के बाद ये छापा मारा गया। उपाध्याय पीएचई में अगस्त 1978 में पदस्थ हुए और अगस्त 2014 में रिटायर हुए। 36 साल की नौकरी के बाद उनके पास से मिली अकूत सम्पत्ति से टीम भी भौचक रह गयी। सारी प्रॉपर्टी वर्ष 2006 से 2013 के बीच खरीदी गयी है। सुरेश उपाध्याय के नाम छह एकड़, बेटे सचिन उपाध्याय के नाम 18 एकड़ और पत्नी अनुराधा उपाध्याय के नाम तीन एकड़ कृषि भूमि भी मिली है।
आदिवासी की डायवर्टेड जमीन मिली
इओडब्ल्यू की सर्चिंग में सबसे चौंकाने वाली बात ये सामने आयी कि उपाध्याय के पास से जब्त जमीनों के दस्तावेज में कई प्लॉट आदिवासियों के नाम वाले मिले हैं। जिसे बाद में डायवर्टेड और नामांतरण कराया गया है। इओडब्ल्यू सूत्रों की मानें तो इसमें आदिवासी जमीनों की बंदरबांट का प्रकरण भी सामने आएगा। एसपी इओडब्लयू देवेंद्र सिंह राजपूत ने बताया कि टीम प्रभारी डीएसपी राज्यवर्धन माहेश्वरी के साथ निरीक्षक छविकांत आर्मो, स्वर्णजीत सिंह धामी सहित 65 लोगों की टीम ने सुबह पांच बजे से शाम 6.30 बजे तक सर्चिंग कार्रवाई की। नकदी, जेवर आदि जब्त कर उसकी निगरानी में सौंप दिया गया है। दस्तावेज जब्त कर उसका आकलन किया जा रहा है।