जबलपुर। मंदिरों के लिए प्रसिद्ध खजुराहो में भगवान शिव का एक ऐसा मंदिर है जो चंदेल राजा विद्याधर ने मुस्लिम आक्रांता महमूद गजनवी को युद्ध में परास्त करने के उपलक्ष्य में बनवाया था। चंदेल शासक विद्याधर ने गजनवी को उस समय परास्त किया था जब उसने कालिंजर के किला का घेरा डाला था। इस युद्ध में गजनवी को मुंह की खानी पड़ी थी। जीत के बाद विद्याधर ने महादेव का विशाल मंदिर बनवाया जिसे कंदरिया महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता है।
कंदरिया महादेव मंदिर मूलत: शिव मंदिर है जो खजुराहो के मंदिरों में सबसे विशाल है। इसका निर्माण काल 1030 से 1050 ई. के बीच माना जाता है। इसकी लंबाई 102 फीट, चौड़ाई 66 फीट और ऊँचाई 107 फीट है। स्थानीय मत के अनुसार इसका कंदरिया नामकरण, भगवान शिव के एक नाम कंदर्पी के अनुसार हुआ है। यह विशाल मंदिर खजुराहो की वास्तुकला का एक आदर्श नमूना है। यह अपने बाह्य आकार में 84 समरस आकृति के छोटे- छोटे अंग तथा श्रंग शिखरों में जोड़कर बनाया गया है। अनूठे उच्च शिखर से युक्त यह मंदिर भव्य आकृति और आनुपातिक सुडौलता, उत्कृष्ट शिल्प सज्जा और वास्तु रचना के कारण मध्य भारतीय वास्तुकृतियों में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। यहां सावन माह में बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन व पूजन अर्चन के लिए आते हैं। इसके अलावा महाशिवरात्रि व अन्य अवसरों पर भी श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है।
Hindi News / Jabalpur / महमूद गजनवी को परास्त करने की खुशी में बनाया था यह 107 फीट ऊंचा शिव मंदिर