शहर में ये बदलेगा- सड़क, स्ट्रीट लाइट, पानी, सफाई, ड्रेनेज जैसी गली, मोहल्लों की समस्याओं को लेकर दो साल से लोग नगर निगम मुख्यालय और जोन कार्यालयों के चक्कर काटने मजबूर थे। हर छोड़ी-बड़ी समस्या के लिए उन्हें निगम अधिकारियों के पास भटकना पड़ रहा था। लेकिन वार्ड का निर्वाचित पार्षद होने पर वे सीधे संपर्क कर सकेंगे।
नगर निगम में जो बदलेगा प्रशासक के हाथों में नगर निगम की सत्ता होने के कारण दो साल से पूरे नगर के संचालन का जिम्मा पूरी तरह से प्रशासनिक अधिकारियों के हाथों में था। अब निगम में महापौर और पार्षदों के होने से फिर से दोहरी व्यवस्था लागू होगी। अधिकारियों की मनमानी पर अंकुश लगेगा। विकास कार्यों से लेकर अन्य मामलों में लापरवाही, बेतरतीबी, समय सीमा का ध्यान नहीं रखने के मामले में सदन किसी भी अधिकारी को जवाब तलब कर सकेगा।
ये होगी चुनौती शहर में स्मार्ट सिटी के तहत स्मार्ट सड़कों से लेकर, अंडरग्राउंड लाइटिंग व अन्य प्रोजेक्ट पर बेतरतीब काम हो रहा है। एबीडी एरिया का राइट टाउन, गोल बाजार इलाका पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। पंद्रह साल से सीवर प्रोजेक्ट में मनमाने ढंग से काम नगरवासियों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। फ्लाईओवर की निर्माण साइट्स से लेकर अन्य निर्माण स्थलों पर भी लोगों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में नगर की तस्वीर सुधारने और व्यविस्थत स्वरूप देने की चुनौती नगर सरकार के सामने होगी।