जगन्नाथ स्वामी रथयात्रा में बड़ा फुहारा में 11 सुसज्जित रथों का संगम होगा। जगन्नाथ के भात को जगत पसारे हाथ के भाव के साथ लोग रथों से प्रसाद ग्रहण करेंगे। रथयात्रा में आरोग्यता की प्राप्ति की कामना से लोग भगवान के रथ खींचेंगे, वहीं काफी संख्या में लोग प्रसाद वितरित कर पुण्य अर्जित करेंगे। जगन्नाथ स्वामी की रथयात्रा में आस्था और भारतीय संस्कृति की झलक दिखाई देगी। संस्कारधानी में भगवान जगन्नाथ स्वामी की रथयात्रा निकालने की परम्परा डेढ़ सौ वर्ष पुरानी है। भगवान जगदीश मंदिर गढ़ा फाटक, हनुमानताल, घमंडी चौक सहित 11 संस्थाएं रथयात्रा की तैयारियां तेज कर दी है।
ज्योतिर्विद जनार्दन शुक्ला ने बताया, आषाढ़ शुक्ल पक्ष तृतीया तिथि को भगवान जगन्नाथ स्वामी की रथयात्रा निकाली जाएगी। गुरुवार को पुष्य नक्षत्र होने के कारण गुरु पुष्य योग बन रहा है। इस दिन भगवान के दर्शन और पूजन का विशेष फल प्राप्त होगा। वहीं शुभ कार्यों के लिए विशेष योग है।
11 संत करेंगे महाआरती, लगाएंगे झाड़ू
बड़ा फुहारा में रथों में विराजमान भगवान के रथों दर्शन करने के लिए हजारों लोग जाएंगे। 11 संतों के सान्निध्य में सभी रथों में भगवान की महाआरती की जाएगी। जबकि, जगन्नाथपुरी की तर्ज पर सोना जडि़त प्रतीकात्मक झाड़ू से रथयात्रा का मार्ग साफ किया जाएगा।