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जबलपुर

इस गांव का हर युवा बनना चाहता है सैनिक

जिले में एक ऐसा गांव भी है, जहां का युवा भारत माता की सेवा करने के लिए हरदम तैयार रहता है। इसी जुनून का परिणाम है कि 35 से ज्यादा लोग सेना में रहकर देश की रक्षा में तैनात हैं। इनमें जो रिटायर हो चुके हैं,वे नए युवाओं को सेना में जाने की प्रेरणा दे रहे हैं। हम बात कर रहे हैं सिहोरा तहसील के ग्राम खुड़ावल की। न केवल यह गांव बल्कि आसपास के 20 गांव के लडक़े और लड़कियां यहां आकर सेना और पुलिस में भर्ती होने के लिए अभ्यास करते हैं।

जबलपुरJan 15, 2022 / 11:57 am

gyani rajak

army trial

Every youth here is ready to serve the country

जबलपुर @ज्ञानी रजक. पुलवामा में आतंकी हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के जवान अश्विनी काछी भी इसी गांव में पले-बढ़े थे। सैनिक रामेश्वर पटेल भी भारत माता की रक्षा के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी थी। नक्सलियों के हमले में शहीद हुए राजेंद्र उपाध्याय पुलिस में थे। कई आर्मीमैन सेवानिवृत्ति के बाद आसपास के क्षेत्र के युवाओं को सेना में भर्ती होने के लिए प्रेरित करते हैं। वे अपनी सेवाकाल के अनुभव युवाओं से साझा कर उनका हौसला भी बढ़ाते हैं।
यहां खुड़ावल सहित आसपास के 20 गांव ऐसे हैं, जहां बड़ी संख्या में सैनिक और उनके परिवार निवासरत हैं। कई परिवारों की एक से दो पीढिय़ां सेना में रही हैं। यहां के युवा पूरी ताकत सेना, सीआरपीएफ, बीएसएफ, राज्य पुलिस में शामिल होने के लिए झोंकते हैं। यहां कुछ ऐसे परिवार भी हैं, जिनका एक ही पुत्र है, वह भी सेना में है। उनके परिवार को उन पर फख्र होता है। गांव के लोग भी सैनिक परिवारों को पूरा सम्मान देते हैं।
CRPF soldier Ashwini Kachhi

सुविधाएं नहीं, स्टेडियम भी भूला प्रशासन

खुड़ावल गांव में युवाओं के अभ्यास के लिए कोई विशेष इंतजाम नहीं हैं। एक सरकारी जगह को मैदान का स्वरूप दिया गया है। यहां पर खुड़ावल सहित आसपास के 20 गांवों के युवा सेना में भर्ती के लिए अभ्यास करते हैं। शहीद अश्विनी काछी की अंत्येष्टि में शामिल होने आए तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने यहां स्टेडियम बनाने की घोषणा की थी, लेकिन सरकार बदलते ही प्रशासन ने भी इसे भुला दिया। अश्विनी काछी की एक प्रतिमा गांव में स्थापित की गई है।

टीम कराती है युवाओं की तैयारी
गांव के खडग़ सिंह पटेल ने बताया कि युवाओं को सेना के लिहाज से तैयार करने के लिए गांव की एक टीम बनाई गई है। वे उसमें मोटिवेटर का काम करते हैं। पीटीआई अशोक राय, सेवानिवृत्त सैनिक अनंतराम काछी, शिक्षक जगदेव प्रसाद पटेल, कंछेदी राय और रवि यादव इन युवाओं का मार्गदर्शन करते हैं।

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